बीएसएससी की इंटर स्तरीय मुख्य परीक्षा का रिजल्ट तैयार, 13 हजार से अधिक को मिलेगी नौकरी

बीएसएससी की दिसंबर 2020 में आयोजित हुई प्रथम इंटर स्तरीय संयुक्त मुख्य परीक्षा का परिणाम लगभग तैयार है। आयोग की ओर से परिणाम जारी करने की कवायद तेज कर दी गई है। इस परीक्षा में लगभग 13 हजार 200 से अधिक पद हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 11:50 AM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 09:00 AM (IST)
बीएसएससी की इंटर स्तरीय मुख्य परीक्षा का रिजल्ट तैयार, 13 हजार से अधिक को मिलेगी नौकरी
बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) का लोगो। जागरण आर्काइव।

नलिनी रंजन, पटना: बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) की दिसंबर 2020 में आयोजित हुई प्रथम इंटर स्तरीय संयुक्त मुख्य परीक्षा का परिणाम लगभग तैयार है। आयोग की ओर से परिणाम जारी करने की कवायद तेज कर दी गई है। पिछले साल दिसंबर के अंतिम सप्ताह में आयोजित हुई परीक्षा में पांच जिलों में 102 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। कोरोना संक्रमण के कारण शारीरिक दूरी के साथ परीक्षा का आयोजन किया गया था। इसके लिए पटना के अतिरिक्त मुजफ्फरपुर, गया, दरभंगा और भागलपुर में परीक्षा केंद्र बनाया गया था। परीक्षा में लगभग 50 हजार अभ्यर्थी शामिल हुए थे। 

पटना में 58 और अन्य पांचों जिलों में 44 केंद्र बनाएं गए थे। आयोग के सचिव ओम प्रकाश पाल ने बताया कि प्रथम इंटर स्तरीय संयुक्त मुख्य प्रतियोगिता परीक्षा का परिणाम को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसका रिजल्ट गुरुवार की शाम या शुक्रवार की सुबह तक जारी कर दिया जाएगा। इस परीक्षा में लगभग 13 हजार 200 से अधिक पद हैं। पद के लगभग तीन गुना से अधिक परिणाम जारी किए जाएंगे। टाइपिंग में यह पांच गुना होगा।

मंगल फांट में होगा टाइपिंग टेस्ट

आयोग के सचिव ओम प्रकाश पाल ने बताया कि परीक्षाफल के अनुसार सफल अभ्यर्थियों के विकल्प के आलोक में दक्षता परीक्षा, टाइपिंग टेस्ट, आशुलेखन एवं अन्य जांच परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों को बुलाया जाएगा। इसके लिए कम समय का सूचना दिया जाएगा। सफल अभ्यर्थियों का टाइपिंग टेस्ट मंगल फांट में लिया जाएगा। ऐसे में अभ्यर्थियों को तैयार रहना होगा।

छह वर्ष से चल रही प्रक्रिया

राज्य सरकार ने सरकारी विभागों में कार्यालय सहायक के खाली पदों को भरने के लिए वर्ष 2014 में बिहार कर्मचारी चयन आयोग को भर्ती के लिए पद भेजे थे। इसके लिए 18 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। वर्ष 2016 के जनवरी एवं फरवरी में इसके लिए प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की गई थी, लेकिन इस परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्र लीक का मामला सामने आने के बाद परीक्षा रद कर दी गई थी। मामले में तत्कालीन आयोग के अध्यक्ष सुधीर कुमार एवं सचिव परमेश्वर राम को एसआइटी ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। सुधीर कुमार जेल से रिहा होने के बाद फिर से सेवा में योगदान दिया, जबकि परमेश्वर राम अब भी जेल में है।

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