बीपीएससी से नौकरी पाने की चाहत रखने वाले ध्यान दें, एक से अधिक आवेदन पर रद होगी उम्मीदवारी

BPSC Job News बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) से नौकरी पाने की चाहत रखने वालों के लिए जरूरी खबर है। परीक्षा के फॉर्म भरने के दौरान एक से अधिक आवेदन करने पर अभ्यर्थी का दोनों आवेदन रद कर दिया जाएगा।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 06:05 AM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 10:23 AM (IST)
बीपीएससी से नौकरी पाने की चाहत रखने वाले ध्यान दें, एक से अधिक आवेदन पर रद होगी उम्मीदवारी
बीपीएससी में एक से अधिक आवेदन पर उम्मीदवारी रद हो जाएगी। सांकेतिक तस्वीर।

नलिनी रंजन, पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की किसी भी परीक्षा के फॉर्म भरने के दौरान एक से अधिक आवेदन करने पर अभ्यर्थी का दोनों आवेदन रद कर दिया जाएगा। अभ्यर्थी पहले आवेदन में किसी प्रकार की त्रुटि होने पर आवेदन की अंतिम तिथि तक रद कर सकता है। मोबाइल नंबर व ई-मेल से दूसरा रजिस्ट्रेशन व नए सिरे से परीक्षा शुल्क का भुगतान कर आवेदन की प्रक्रिया को पूर्ण कर सकता है। ऐसी स्थिति में अभ्यर्थी को पूर्व में किए गए भुगतान को आयोग वापस नहीं करेगा। यदि आवेदन प्रक्रिया के समाप्त होने के बाद किसी भी अभ्यर्थी के दो या उससे अधिक आवेदन प्राप्त होता है तो उनके सभी आवेदन को अस्वीकृत करते हुए उनका अभ्यर्थित्व रद कर दिया जाएगा।

पहले दोनों आवेदन को कर दिया जाता था मर्ज 

इस बाबत आयोग के संयुक्त सचिव सह परीक्षा नियंत्रक अमरेंद्र कुमार ने अधिसूचना जारी करते हुए बताया कि अभी तक दो या दो से अधिक आवेदन करने पर दोनों आवेदन को मर्ज कर दिया जाता था। अंतिम आवेदन मान्य मानते हुए अभ्यर्थी का प्रवेश पत्र जारी कर दिया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा। इस फैसले का अनुपालन आगामी 67वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा से ही किया जाएगा। 

मोबाइल, ई मेल व प्रमाण पत्र को लेकर सबसे अधिक गलतियां बीपीएससी के फॉर्म भरने में कई तरह की गलतियां सामने आती हैं। सबसे ज्यादा अभ्यर्थी अपने नाम के टाइटल, जन्म तिथि, आप्शनल पेपर, उम्र, एनओसी, आरक्षण कैटगरी, फोटो, हस्ताक्षर, स्थायी पता, शैक्षणिक योग्यता, अनुभव, मोबाइल नंबर, जाति व प्रमाण पत्र और ई-मेल को लेकर करते हैं। गलतियों में सुधार करने के लिए वह आयोग पर लगातार दवाब बनाते हैं। इस तरह की चूक से पीटी व अन्य परीक्षा का शिड्यूल प्रभावित हो जाता है।फॉर्म भरने के अंतिम दिन तक सुधार के लिए आवेदन आते रहते थे। ऐसे में आयोग को परेशानी उठानी पड़ती है। 

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