अंतर्मन की आवाज सुन खुद को बनाएं शक्तिशाली

मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। कोरोना संक्रमण काल में भी मीडिया अपनी भूमिका निभाता रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 11:21 PM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 11:21 PM (IST)
अंतर्मन की आवाज सुन खुद को बनाएं शक्तिशाली
अंतर्मन की आवाज सुन खुद को बनाएं शक्तिशाली

पटना। मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। कोरोना संक्रमण काल में भी मीडिया अपनी भूमिका का निर्वाह करते रही है। गुरु पूर्णिमा के मौके पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, कंकड़बाग, पटना की ओर से पि्रंट मीडिया के पत्रकारों के लिए वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार के दौरान 'आंतरिक सशक्तीकरण के लिए अध्यात्म की आवश्यकता' विषय पर प्रश्नोत्तर के जरिए प्रकाश डाला गया।

कंकड़बाग केंद्र की निदेशक राजयोगिनी संगीता बहन और ज्योति बहन के अलावा मीडिया विंग के नेशनल समन्वयक ब्रह्माकुमार सुशांत ने विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला। सुशांत ने कहा कि अध्यात्म के जरिए मीडियाकर्मी अपनी आंतरिक मीडिया को मजबूत बना सकते हैं। अपने अंदर जो ईष्र्या, लोभ, मोह, द्वेष, अहंकार का वातावरण बना है, उसे बाहर निकालें। अपने अंदर की मीडिया शक्ति को जागृत करने की जरूरत है। बीके सुशांत भाई ने कहा कि अंतर्मन की आवाज सुनकर ही स्वयं को शक्तिशाली बनाया जा सकता है। मीडियाकर्मियों ने इस बात को स्वीकारा कि मीडिया के क्षेत्र में चुनौतियां आती हैं। उसका सामना करने के लिए अंतर्मन को सकारात्मक व मजबूत बनाना ही विकल्प है और अध्यात्म एवं राजयोग मेडिटेशन इसका सबसे सहज रास्ता है। मीडिया जगत चुनौती और तनाव भरा है। ऐसे में आप ध्यान और योग के जरिए अपनी आध्यात्मिक शक्ति को जागृत कर हर समस्या को समूल सुलझा सकते हैं। बीके संगीता बहन ने कहा कि अगर आपकी नीयत साफ है तो कोई भी आपको नुकसान नहीं पहुंचा सकता है। बीके काजल ने राजयोग का अभ्यास कराया। कार्यक्रम का संचालन बीके ज्योति ने किया। बीके रवींद्र भाई ने धन्यवाद ज्ञान किया।

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