पटना में मनोज वाजपेयी ने कहा, कलाकार के साथ बेहतर इंसान भी बनाता है रंगमंच, हारना नहीं सिखाता यह

पटना का प्रसिद्ध कालिदास रंगालय महीनों बाद गुलजार हुआ। यहां बॉलीवुड के चर्चि‍त अभिनेता मनोज वाजपेयी का आगमन हुआ था। उनकी पत्‍नी और बेटी भी कार्यक्रम में शरीक हुईं। अभिनेता ने लोगों से पर्यावरण बचाने की अपील की।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 02:15 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 02:15 PM (IST)
पटना में मनोज वाजपेयी ने कहा, कलाकार के साथ बेहतर इंसान भी बनाता है रंगमंच, हारना नहीं सिखाता यह
पत्‍नी और बेटी के साथ मंच पर बैठे मनोज वाजपेयी। जागरण

पटना, जागरण संवाददाता। रंगमंच सारी सांस्कृतिक गतिविधियों का सबसे बड़ा केंद्र है। इसके बावजूद जब रंगमंच को सही न्याय और इज्जत नहीं मिलती तब  बहुत दुख होता है । रंगमंच से संघर्ष की प्रेरणा मिलती है। यही वजह है कि रंगमंच से निकला कोई भी व्यक्ति चाहे वह निर्देशक हो या लाइट मैन, अभिनेता या अभिनेत्री वह जीवन में कभी हारता नहीं। ये बातें बालीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता मनोज वाजपेयी (Bollywood Star Manoj Bajpayee) ने मंगलवार को कालिदास रंगालय में आयोजित सम्मान समारोह में कही। समारोह में फिल्म अभिनेता मनोज वाजपेयी की पत्‍नी नेहा उर्फ शबाना रजा व बेटी अवा नायला भी मौजूद थीं।

रंगमंच बनाता है मंझा हुआ कलाकार और बेहतर इंसान 

कोराेना संक्रमण के कारण महीनों से बंद पड़ा कालिदास रंगालय (Kalidas Rangalaya) बिहारी अभिनेता मनोज वाजपेयी के आगमन के साथ गुलजार हुआ। महीनों बाद रंगालय में दर्शकों की भीड़ दिखी। मनोज वाजपेयी ने कहा कि रंगमंच न केवल अच्छा अभिनेता बनाता है बल्कि एक बेहतर इंसान भी बनाता है। दुनिया में परफार्मिंग आर्ट से बढ़कर कोई भी माध्यम नहीं है जो आपके काम के बजाए आपको बेहतर इंसान बनाने में अपना योगदान दे।

कालिदास रंगालय को बनाएं बिहार का सबसे बड़ा सांस्‍कृतिक केंद्र

मंच के जरिए बिहार सरकार से निवेदन करना चाहता हूं कि कालिदास रंगालय को पूरे बिहार का सबसे बड़ा सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बनाए। साथ ही सरकार इसका संरक्षण व संवद्धर्न करें। जो पटना के लोग हैं उनसे आग्रह करते हैं कि जब कोरोना काल खत्म हो जब आपका मन करें कहीं घूमने जाएं तो आप अपने बच्चों के साथ रंगमंच देखने जरूर आएं। क्योंकि अगर आप सिनेपोलिस में जाएंगे तो पैसे भी खर्च होगा और आनंद भी नहीं मिलेगा। बच्चों ने रंगमंच देखा तो पैसे बचने के साथ उसे अलग आनंद मिलेगा। 

बेटी भी करें रंगमंच से अपने जीवन की शुरुआत 

अभिनेता ने कहा कि जो मैंने अपने जीवन में सीखा और जो कुछ भी हू,  उसमें रंगमंच का सबसे बड़ा योगदान रहा। मनोज ने कहा कि खुशी इस बात है कि मेरी बेटी ने रंगमंच को देखा तो सही। मेरी इच्छा होगी कि मेरी बेटी अवा भी अपने जीवन की शुरुआत रंगमंच से करे। मेरी बेटी अंग्रेजी माध्यम से पढ़ती है उसे हिंदी सिखाने का संघर्ष जारी है। मनोज बताते हैं कि कुछ अच्छी बातें हैं जो मैंने रंगमंच से सीखी। भगवान को धन्यवाद देता हूं जो मुझे रंगमंच की ओर ले गया। 

शहर को सुंदर बनाने में दे योगदान, हर व्‍यक्ति लगाएं पौधे 

मनोज वाजपेयी ने कहा कि पटना को सुंदर बनाने में सभी का योगदान जरूरी है। पौधे लगाने के लिए चर्चित सीआरपीएफ के कमांडेट मुन्ना कुमार सिंह की उन्‍होंने सराहना की। कहा कि इस अभियान को आप जारी रखें। आपके साथ हम सभी लोग हैं।  हमने प्रकृति को नष्ट किया इसलिए कोराेना आया। किसी और देश को दोषी ठहराना बंद करें पहले अपने आप को जिम्मेदार ठहराएं। तभी ये धरती का संतुलन सही होगा। हरेक व्यक्ति हर साल 50 पौधे लगाए तो कोरोना जैसी महामारी फिर दोबारा नहीं आएगी। अभिनेता ने रंगालय में पौधे भी लगाए। मौके पर बिहार आर्ट थियेटर के सचिव कुमार अभिषेक रंजन, थियेटर के कार्यकारी अध्यक्ष दीपांकर मुखर्जी, सदस्य नंदलाल सिंह आदि मौजूद थे।

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