ब्लैक फंगस से पटना में पहली मौत, बिहार में अबतक तीन ने तोड़ा दम; 12 नए मरीज मिले

दस दिन में प्रदेश में ब्लैक फंगस (म्यूकोर माइकोसिस) के रोगियों की संख्या बढ़कर 76 से अधिक हो गई है। बुधवार को 12 नए पीड़ित भर्ती कराए गए। आइजीआइएमएस में नौ पारस एचएमआरआइ में दो और रूबन मेमोरियल में ब्लैक फंगस के एक नए रोगी को भर्ती कराया गया।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Thu, 20 May 2021 06:41 AM (IST) Updated:Thu, 20 May 2021 06:41 AM (IST)
ब्लैक फंगस से पटना में पहली मौत, बिहार में अबतक तीन ने तोड़ा दम; 12 नए मरीज मिले
ब्लैक फंगस से बिहार में तीन लोग जान गंवा चुके हैं। प्रतीकात्मक तस्वीर।

जागरण संवाददाता, पटना : दस दिन में प्रदेश में ब्लैक फंगस (म्यूकोर माइकोसिस) के रोगियों की संख्या बढ़कर 76 से अधिक हो गई है। बुधवार को 12 नए पीड़ित भर्ती कराए गए। आइजीआइएमएस में नौ, पारस एचएमआरआइ में दो और रूबन मेमोरियल में ब्लैक फंगस के एक नए रोगी को भर्ती कराया गया। 

एम्स के कोरोना नोडल पदाधिकारी डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि 28 ब्लैक फंगस रोगियों का उपचार चल रहा है। इनमें से कई की हालत गंभीर है। वहीं आइजीआइएमएस के चिकित्साधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि बुधवार को नौ नए समेत कुल 31 रोगियों का उपचार चल रहा है। अबतक सात की सर्जरी हो चुकी है और तीन की गुरुवार को होगी। 18 रोगियों को एंटीफंगल थेेरेपी के तहत लाइपोसोमल एम्फोटोरेसिन इंजेक्शन दिया जा रहा है। वहीं पारस एचएमआरआइ के महाप्रबंधक डॉ. तलत हलीम के अनुसार दो नए समेत 12 रोगी देरशाम तक भर्ती थे। अबतक पांच की सर्जरी की गई है और किसी की आंख निकालने या मौत की घटना नहीं हुई है। वहीं रूबन मेमोरियल के प्रबंधक अविनाश कुमार ने बताया कि एक नए समेत कुल पांच ब्लक फंगस के रोगियों का इलाज किया जा रहा है। बुधवार को एक रोगी की बाईं आंख की आई बॉल निकालनी पड़ी।

ब्लैक फंगस से तीसरी मौत


जागरण संवाददाता, पटना : ब्लैक फंगस से बुधवार को एक और व्यक्ति की मौत हो गई। इसके साथ ही मृतकों की संख्या तीन हो गई है। हालांकि, पटना निवासी की यह पहली मौत है। इसके पहले मुजफ्फरपुर के एक और बेतिया मेडिकल कॉलेज के एक डॉक्टर की इस बीमारी से मौत हो चुकी है। एम्स के कोरोना नोडल पदाधिकारी डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि अगमकुआं निवासी व्यक्ति कोरोना संक्रमित थे। उनमें ब्लैक फंगस की भी पुष्टि हुई थी। हालत बिगडऩे पर वेंटिलेटर पर रखकर उनका उपचार किया जा रहा था।  

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