जीतनराम मांझी से एक कदम आगे निकले बिहार के बीजेपी विधायक, बोले- AK-47 दें; हालात हो जाएंगे ठीक

मांझी ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर के हालात सुधारने की जिम्मेदारी बिहारियों को दें 15 दिन में सुधान ना हो तो कहिएगा। अब मांझी से एक कदम आगे पटना की बाढ़ विधानसभा के एमएलए ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू निकल गए हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 03:58 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 06:11 AM (IST)
जीतनराम मांझी से एक कदम आगे निकले बिहार के बीजेपी विधायक, बोले- AK-47 दें; हालात हो जाएंगे ठीक
बिहार बीजेपी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू और जीतनराम मांझी। जागरण आर्काइव।

जागरण टीम, पटना। जम्मू-कश्मीर में बिहारवासियों की हत्या से आम लोगों में आक्रोस है तो सियासी गलियारे में हलचल मच गई है। पलायन को मुद्दा बना विपक्ष सरकार को घेर रहा है। एक दिन पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने पीएम नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को सलाह दी थी। उन्होंने कहा था कि जम्मू-कश्मीर को सुधारने की जिम्मेदारी बिहारियों पर छोड़ दीजिए, 15 दिन में हालात न बदले तो कहिएगा। अब मांझी से एक कदम आगे बिहार के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक निकल गए हैं। पटना की बाढ़ विधानसभा के एमएलए ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में रहने वाले बाहरियों को एके-47 दी जाए। 

बीजेपी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों के लोग रह रहे हैं। आए दिन उनपर हमले किए जा रहे हैं। बाढ़ विधायक ने कहा कि आतंकी लगातार कायरतापूर्ण हरकत को अंजाम दे हैं। खाने-कमाने दूसरे राज्यों से जम्मू-कश्मीर आए लोगों को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर संविधान में संशोधन करना पड़े तो वह भी करें।

AK-47 मिल जाए तो खुद कर लेंगे अपनी सुरक्षा

बाहर के लोग जो जम्मू-कश्मीर में रह रहे हैं उन्हें आर्म्स लाइसेंस देकर AK-47 मुहैया कराई जाए। ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने कहा कि जब लोगों को हथियार मिल जाएगा तो वह अपनी सुरक्षा खुद ही कर लेंगे। जब ईंट का जवाब पत्थर से मिलेगा तभी हालात सुधरेंगे। बता दें कि रविवार को जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के वनपोह में गोली मारके दो श्रमिकों की हत्या कर दी गई थी। मृतक बिहार के रहने वाले थे। घटना के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि सरकार की नाकामी से 16 वर्षों में बिहार से पलायन हो रहा है। राज्य में रोजगार न होने के कारण लोग बाहर जा रहे हैं। उन्होंने मृतकों के आश्रितों को सरकारी नौकरी के साथ एक-एक करोड़ रुपये देने की मांग की थी। 

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