नालंदा में पांच बच्‍चे नदी में डूबे, तीन का अब तक पता नहीं; मूर्ति विसर्जन करने के दौरान हुआ हादसा

Children Drowned in River नालंदा जिले के बेन प्रखंड के एक गांव में शनिवार की अलसुबह बड़ा हादसा हो गया। यहां मूर्ति विसर्जन के दौरान पांच बच्‍चे मुहाने नदी में डूबने लगे जिसमें दो को तो बचा लिया गया लेकिन तीन का पता नहीं चल सका है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 12:03 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 12:03 PM (IST)
नालंदा में पांच बच्‍चे नदी में डूबे, तीन का अब तक पता नहीं; मूर्ति विसर्जन करने के दौरान हुआ हादसा
नालंदा जिले में मुहाने नदी में डूबे बच्‍चे। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

परवलपुर (बिहारशरीफ), संवाद सूत्र। Nalanda Crime: नालंदा जिले में शनिवार की अलसुबह एक बड़ा हादसा हो गया है। बेन प्रखंड के बेनिया बीघा गांव में मूर्ति विसर्जन करने गई 4 लड़की एवं एक लड़का मुहाने नदी में डूब गए। इनमें एक लड़का एवं एक लड़की को ग्रामीणों ने बचा लिया। घटना शनिवार की सुबह 5 बजे की है। अभी 11 बजे तक 3 बच्चियां लापता हैं। लापता लड़कियों में सुरेश यादव की बेटी ब्यूटी कुमारी, दिनेश यादव की बच्ची डाल्सी कुमारी और चनिरक यादव की बेटी सिमरन कुमारी शामिल हैं। घटनास्थल पर बेन थाना एवं राजगीर एसडीएम मौजूद हैं। घटना के छह घंटे बाद भी मौके पर गोताखोर नहीं बुलाए जा सके हैं। डूबने वाली तीनों बच्चियां एक ही परिवार की हैं।

बांका जिले में कल हुई थी तीन बच्‍च‍ियों की मौत

बिहार में बच्‍चों के डूबने से जुड़ा दूसरा बड़ा हादसा महज 24 घंटे के अंदर हुआ है। बांका जिले में शुक्रवार की दाेपहर हुए हादसे में गहिरा नदी में नहाने गए पांच बच्‍चे डूबने लगे थे। खडौधा जोठा पंचायत के अंतर्गत पोठिया गांव के सुंदरकुंड घाट पर हुए इस हादसे में दो बच्‍चों को ग्रामीणों की तत्‍परता से बचा लिया गया था, लेकिन तीन बच्चियों की जान नहीं बचाई जा सकी थी। ये सभी बच्‍चे कर्मा-धर्मा पूजा के लिए नदी में नहाने गए थे। संयोग यह रहा कि बचाए गए दोनों बच्‍चे आपस में भाई-बहन थे, जबकि मरने वाली तीन बच्‍च‍ियां अलग-अलग परिवार से संबंधित हैं। प्रशासन की ओर से सभी मृतकों के परिवार को चार-चार लाख रुपए मुआवजा देने की बात कही है।

बारिश का मौसम होने से नदियों में खूब पानी

बिहार की तमाम नदियों में आजकल खूब पानी है। कुछ हफ्ता पहले तक तो तमाम नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही थीं। अभी नदियों का जलस्‍तर खतरे के निशान से तो नीचे आया है, लेकिन नहाने के लिए तमाम नदियों के घाट खतरनाक बने हुए हैं।

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