Bihar Weather: बिहार में कमजोर पड़ा मानसून, पश्चिम चंपारण सहित कुछ जिलों में बारिश के आसार

Bihar Weather Today बिहार में मानसून फिलहाल कमजोर पड़ गया है। वर्तमान में मानसून की ट्रफ लाइन गुजरात के पोरबंदर सूरत जलगांव मछलीपत्तनम होते हुए बंगाल की खाड़ी तक गुजर रही है। वहीं दूसरी ओर एक चक्रवात गुजरात से लेकर उत्तर प्रदेश तक बना हुआ है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Fri, 03 Sep 2021 06:20 AM (IST) Updated:Fri, 03 Sep 2021 06:20 AM (IST)
Bihar Weather: बिहार में कमजोर पड़ा मानसून, पश्चिम चंपारण सहित कुछ जिलों में बारिश के आसार
बिहार के कुछ जिलों में बारिश के आसार। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, आनलाइन डेस्‍क। Bihar Weather Today: बिहार में मानसून फिलहाल कमजोर पड़ गया है। वर्तमान में मानसून की ट्रफ लाइन गुजरात के पोरबंदर, सूरत, जलगांव, मछलीपत्तनम होते हुए बंगाल की खाड़ी तक गुजर रही है। वहीं दूसरी ओर एक चक्रवात गुजरात से लेकर उत्तर प्रदेश तक बना हुआ है। इन इलाकों में आज खूब बारिश हो रही है, वहीं बिहार के बारिश की रफ्तार पिछले कुछ दिनों से थम गई है। पटना मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी संजय कुमार का कहना है कि वर्तमान में राज्य में मानसून काफी कमजोर है। स्थानीय कारणों से कही-कही हल्‍की से मध्‍यम दर्जे की बारिश हो रही है। आज पश्चिम चंपारण, बक्‍सर, सिवान और गोपालगंज सहित कुछ अन्‍य जिलों में बारिश हो सकती है।

उमस भरी गर्मी के लिए रहें तैयार

मानसून के कमजोर होते ही राज्‍य में उमस भरी गर्मी का सिलसिला तेज हो गया है। चिलचिलाती धूप लोगों का खूब पसीना छुड़ा रही है। धूप में तीखापन इतना अधिक है कि बारिश की वजह से मैदानों में आई घास जलने लगी है। तीन दिनों की भीषण उमस के बाद गुरुवार को कुछ इलाकों में बारिश और ठंडी हवाओं से लोगों को थोड़ी राहत मिली। गुरुवार की दोपहर पटना में झमाझम बारिश हुई, वहीं बक्‍सर, भोजपुर और सारण जिले में दोपहर बाद बादल घिरने और ठंडी हवाएं चलने से मौसम सुहाना हो गया। इन जिलों में भी कही-कही हल्‍की बारिश और बुंदाबांदी हुई।

पटना में हुई छह मिलीमीटर बारिश

पटना में गुरुवार को छह मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई। बारिश के बाद राजधानीवासियों को गर्मी से काफी राहत मिली। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि आने वाले समय में गर्मी और उमस के बीच स्‍थानीय कारणाें से हल्की बारिश होती रहेगी। इससे लोगों को परेशानी और राहत दोनों का अनुभव होता रहेगा। दिक्‍कत यह है कि ऐसे मौसम में मच्‍छरों और अन्‍य कीड़ों की सक्रियता बढ़ जाती है। इसलिए बचाव के लिए खास सावधानी बरतनी जरूरी है।

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