Bihar Weather Forecast: कई जिलों में हो सकती है हल्‍की बारिश, लेकिन अब साफ होगा आकाश

बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के कारण आए चक्रवात का असर बिहार में अब खत्‍म हो रहा है। हालांकि आज भी कई स्‍थानों पर हल्‍की से मध्‍यम स्‍तर तक की वर्षा हो सकती है। मौसम विभाग का कहना है कि अब आसमान साफ रहेगा।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 08:16 AM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 08:16 AM (IST)
Bihar Weather Forecast: कई जिलों में हो सकती है हल्‍की बारिश, लेकिन अब साफ होगा आकाश
आज से साफ हो सकता है आकाश। सांकेतिक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। Bihar Weather Forecast: आज से बारिश का सिलसिला थमने के आसार हैं। आसमान साफ हो जाएगा। ऐसा मौसम विज्ञानियों का कहना है। हालांकि आज भी राज्‍य के कई स्‍थानों पर हल्‍की से मध्‍यम बारिश के आसार हैं। बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश में कम दबाव का क्षेत्र के कारण बुधवार को राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में रिमझिम फुहारें पड़ती रहीं। राज्य के जमुई में 40, दिनारा में 36, इस्लामपुर में 35 एवं गया में 31 मिलीमीटर बारिश हुई। दिनभर फुहारें पड़ने के कारण प्रदेश का वातावरण नम बना रहा। धान की फसल के लिए इस बारिश को वरदान माना जा रहा है। 

इन जिलों में हो सकती है हल्‍की से मध्‍यम बारिश 

मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार पश्चिम चंपारण, सिवान, सारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज समेत बक्‍सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद और अर‍वल में कई स्‍थानों पर हल्‍की बारिश हो सकती है। वहीं दरभंंगा, वैशाली, शिवहर, पूर्वी चंपारण, पटना, गया, नालंदा, भागलपुर आदि जिले में कुछ स्‍थानों पर हल्‍की से मध्‍यम स्‍तर तक की बारिश की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार बीते 24 घंटे के दौरान पश्चिमी चंपारण का माधोपुर सबसे ज्‍यादा गर्म रहा। यहां अधिकतम तापमान 36.7 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। 

बंगाल की खाड़ी में कम दबाव के कारण आया था मौसम में बदलाव

पटना मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी संजय कुमार का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवात गुुरुवार को मध्य प्रदेश में कम दबाव का क्षेत्र बनकर समाप्त हो गया। कम दबाव के कारण ही राज्य के मौसम में आए बदलाव से पिछले दो दिनों से बारिश हो रही थी। आत्मा के उप परियोजना निदेशक विजेंद्र मणि का कहना है कि पिछले दो दिनों की बारिश से धान की फसल को काफी लाभ होगा। इसके अलावा मक्के की फसल को भी लाभ होने की उम्मीद है। वर्तमान में धान की फसल में कोपलें आने वाली हैं।

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