बालू के बाद अब शराब की कमाई में नपेंगे बिहार के पुलिस अफसर, लिस्‍ट बनाने में जुट गया है निगरानी ब्‍यूरो

Bihar Crime शराब माफिया और तस्करों से गठजोड़ कर काली कमाई करने के मामले में कार्रवाई अभी लंबी चलेगी। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की रडार पर दर्जन भर से अधिक पुलिस व उत्पाद पदाधिकारी और कर्मी हैं जिनके शराब तस्करों से संबंधों की जांच की जा रही है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 08:41 AM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 08:41 AM (IST)
बालू के बाद अब शराब की कमाई में नपेंगे बिहार के पुलिस अफसर, लिस्‍ट बनाने में जुट गया है निगरानी ब्‍यूरो
बिहार में शराब के खिलाफ अभियान में जुटेगा निगरानी ब्‍यूरो। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। शराब माफिया और तस्करों से गठजोड़ कर काली कमाई करने के मामले में कार्रवाई अभी लंबी चलेगी। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की रडार पर दर्जन भर से अधिक पुलिस व उत्पाद पदाधिकारी और कर्मी हैं, जिनके शराब तस्करों से संबंधों की जांच की जा रही है। जांच टीम इन पदाधिकारियों के काल रिकार्ड से लेकर आय के स्रोतों की जानकारी जुटा रही है। जांच में मिले साक्ष्य के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी। ईओयू सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री की शराबबंदी को लेकर की गई समीक्षा के बाद शराब तस्करों से संबंध रखने वाले कर्मियों की जांच तेज कर दी गई है। सूचना तंत्र व गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस पदाधिकारियों की सूची तैयार की जा रही है।

जिन जिलों में लगातार शराब आपूर्ति की शिकायतें मिल रही हैं, उन जिलों के पुलिसकर्मी जांच की प्राथमिकता सूची में हैं। इसमें थानावार शराब की हो रही मानीटरिंग से भी मदद मिली है। जिन थाना क्षेत्र में शराब को लेकर न्यूनतम कार्रवाई हुई है, वहां के पुलिसकर्मी भी जांच टीम की रडार पर हैं। इसके अलावा कुछ पुलिसकर्मी ऐसे भी हैं, जो पहले भी शराब तस्करों से संबंध रखने के मामले में निलंबित हो चुके हैं। ऐसे पुलिसकर्मियों की भी फाइलें खंगाली जा रही हैं। इसके लिए ईओयू के अलग-अलग पदाधिकारियों को जांच का टास्क दिया गया है। मालूम हो कि बुधवार को शराब तस्करों से गठजोड़ कर अवैध कमाई के मामले में वैशाली के लालगंज के थानाध्यक्ष चंद्रभूषण शुक्ला के चार ठिकानों पर छापेमारी की गई थी जिसमें आय से 93 फीसद अधिक चल-अचल संपत्ति की जानकारी मिली है।

शराबबंदी की जिलावार समीक्षा, केके पाठक ने मांगा एक्शन प्लान

शराबबंदी को लेकर मद्य निषेध, उत्पाद एवं मद्य निषेध के अपर मुख्य सचिव केके पाठक जिलावार समीक्षा कर रहे हैं। इसमें जिलों से उनके यहां शराब तस्करी रोकने का एक्शन प्लान मांगा गया है। इसके साथ ही मद्य निषेध विभाग के अधिकारियों की टीम जिलों का दौरा भी कर रही है। जिन जिलों में शराब तस्करी के ज्यादा मामले आए हैं, सबसे पहले वहां का दौरा किया जा रहा है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, जिलावार समीक्षा में सबसे पहले पटना जिले की समीक्षा की गई। इसमें पटना में होम डिलीवरी पर रोक लगाने का टास्क अफसरों को दिया गया। इसके लिए एक्शन प्लान तैयार कर कार्रवाई करने को का निर्देश दिया गया है। इसके बाद सारण, मुजफ्फरपुर और गोपालगंज जिलों की समीक्षा की गई है।

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