बिहार में शिक्षा विभाग 617 टीचरों पर करेगा कार्रवाई, आदेश नहीं मानने वाले आएंगे जद में

शिक्षा विभाग ने संकुल संसाधन केंद्रों से विरमित नहीं होने और प्रभार नहीं सौंपने वाले 617 शिक्षकों के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई शुरू कर दी है। इनमें से ऐसे 127 शिक्षक हैं जो संकुल संसाधन केंद्रों से हटाए जाने के बावजूद न अपने मूल विद्यालयों में लौटे हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 11:06 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 11:06 PM (IST)
बिहार में शिक्षा विभाग 617 टीचरों पर करेगा कार्रवाई, आदेश नहीं मानने वाले आएंगे जद में
बिहार के टीचरों पर होगी कार्रवाई। सांकेतिक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना : Bihar Teacher News: शिक्षा विभाग ने संकुल संसाधन केंद्रों से विरमित नहीं होने और प्रभार नहीं सौंपने वाले 617 शिक्षकों के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई शुरू कर दी है। इनमें से ऐसे 127 शिक्षक हैं, जो संकुल संसाधन केंद्रों से हटाए जाने के बावजूद न अपने मूल विद्यालयों में लौटे हैं और न ही प्रभार दिए हैं। वहीं 490 शिक्षक अपने मूल विद्यालयों में लौट तो गए, लेकिन संकुल संसाधन केंद्रों के प्रधानाध्यापकों को अपने प्रभार नहीं सौंपे हैं। आदेश नहीं मानने वाले ऐसे शिक्षकों की जांच रिपोर्ट दो दिनों अंदर जिलों से मांगी गई है।  

यह है मामला

दो सितंबर को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने लंबे अरसे से प्रखंड संसाधन केंद्रों और संकुल संसाधन केंद्रों में प्रतिनियुक्त 5,317 शिक्षकों को हटाते हुए तत्काल प्रभाव से मूल विद्यालयों में योगदान करने का आदेश दिया था। साथ ही, ऐसे शिक्षकों को कहा गया था कि विरमित होने पर संकुल संसाधन केंद्रों के प्रधानाध्यापकों को तत्काल प्रभार सौंप दें। संबंधित शिक्षकों को अपने मूल विद्यालयों में अध्यापन के काम पर अविलंब योगदान करना होगा। यह आदेश शिक्षा विभाग ने उच्चस्तरीय समिति की अनुशंसा के आलोक में दिया था, लेकिन 4827 शिक्षकों ने ही मूल विद्यालयों में योगदान दिया और अपने प्रभार को सौंपा। इसलिए शिक्षा विभाग ने 617 शिक्षकों की अनुशासहीनता पर कार्रवाई करने का फैसला किया है। बता दें कि बिहार में शिक्षकों पर कार्रवाई पहले भी होती रही है। हाल ही में राज्य में चल रही 94 हजार प्रारंभिक शिक्षकों की नियोजन प्रक्रिया के दौरान फर्जी प्रमाण पत्र पकड़े गए थे। चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र फर्जी निकले हैं उन पर बिहार सरकार ने एक्शन लिया है। पोर्टल पर नियोजन इकाइयों द्वारा चयनित अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र अपलोड करने के बाद ये जानकारी सामने आई थी। इसमें कई प्रमाण पत्र फेक मिले हैं। 

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