बिहार में डिजीटल मोड में होगी सड़कों के रखरखाव की निगरानी, नेटवर्क सर्वे व्हीकल का होगा इस्तेमाल
नेटवर्क सर्वे व्हेकिल आधुनिक तकनीक पर आधारित वाहन है। इसमें कैमरे लगे रहते हैं जो सड़कों के रखरखाव की पूरी स्थिति की जानकारी देते हैं। इसके माध्यम से यह भी पता चलता है कि किस-किस स्थान पर गड्ढे हैं।
पटना, राज्य ब्यूरो। Road Construction Policy in Bihar: बिहार सरकार के पथ निर्माण विभाग ने तय किया है कि अपनी सड़कों के रखरखाव का जायजा वह नेटवर्क सर्वे व्हेकिल के माध्यम से कराएगा। इसके जरिए देखा जाएगा कि सड़क के सतह की वास्तविक स्थिति किस तरह की है। गड्ढे कितने बड़े हैं तथा सड़क के फ्लैंक के रखरखाव का क्या हाल है। इस माध्यम से निगरानी पूरी तरह डिजिटल मोड में होती है। उसके आधार पर रिपोर्ट भी तैयार कराई जाती है। वर्ष में दो बार इस माध्यम से जायजा लिया जाएगा।
क्या है नेटवर्क सर्वे व्हेकिल
नेटवर्क सर्वे व्हेकिल आधुनिक तकनीक पर आधारित वाहन है। इसमें कैमरे लगे रहते हैं जो सड़कों के रखरखाव की पूरी स्थिति की जानकारी देते हैं। इसके माध्यम से यह भी पता चलता है कि किस-किस स्थान पर गड्ढे हैं। किस जगह सड़क के रख रखाव में कमी है। लेजर बिम आधारित डिजिटल साक्ष्य तैयार होता है।
एमोआरटीएच द्वारा इस तकनीक का प्रयोग किया जा रहा
एमोआरटीएच द्वारा सड़क की रख रखाव पर नजर रखने के लिए इस तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इसके लिए 41 कंसलटेंसी फर्मों की सूची भी जारी की है। बिहार में सात वर्षों के लिए सड़कों के रखाव का जिम्मा विभिन्न एजेंसियों को दिया गया है। इस मूल्यांकन में यदि किसी पैकेज में सड़कों के रख रखाव की स्थिति कमजोर पाई जाएगी तो संबंधित एजेंसी पर कड़ा वित्तीय दंड लगाया जा सकेगा।
तय हो गई इंजीनियर की जिम्मेदारी
संधारण के लिए जिम्मेदार अभियंताओं की जिम्मेदारी भी निर्धारित की जा सकेगी। हाल ही में पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने सड़कों के रखरखाव के मूल्यांकन के लिए सूचना प्रौद्योगिकी आधारित नेटवर्क सर्वे व्हीकल के उपयोग पर बल दिया था। इस बदलाव के बाद सड़कों की स्थिति में सुधार हो सकेगा। साथ ही खराब हो रही सड़कों की मरम्मत भी जल्द होगी।