रिश्‍वतखोरी के लिए बदनाम बिहार राजस्व विभाग ने बनाया नया रिकॉर्ड, अब कामकाज में देश में बना नंबर वन

बिहार भूमि एवं राजस्‍व विभाग पहली बार कामकाज में देश में नंबर वन बना। केंद्र सरकार की एजेंसी एनसीइएआर के मूल्यांकन में यह उपलब्धि हासिल हुई है। केरल और त्रिपुरा को दूसरा और तीसरा स्थान मिला -विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों का मनोबल बढ़़ा विवेक सिंह -महज एक साल की मेहनत का नतीजा

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Sat, 06 Mar 2021 12:37 PM (IST) Updated:Sat, 06 Mar 2021 12:37 PM (IST)
रिश्‍वतखोरी के लिए बदनाम बिहार राजस्व विभाग ने बनाया नया रिकॉर्ड, अब कामकाज में देश में बना नंबर वन
बिहार भूमि एवं राजस्‍व विभाग को मिला देश में अव्‍वल दर्जा, सांकेतिक तस्‍वीर ।

पटना, राज्य ब्यूरो। रिश्वतखोरी और कामकाज को टालने के लिए कभी बदनाम रहा राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने नया रिकाॅर्ड बनाया है। पहली बार उसके कामकाज की रैंकिंग में देश में अव्वल दर्जा मिला है। जमीन के रिकाॅर्ड को आधुनिक तरीके से रखने के मामले का हर साल मूल्यांकन होता है। उसमें सभी राज्य अपनी उपलब्धियों का प्रजेंटेशन देते हैं। उसी मूल्यांकन में राज्य को यह दर्जा हासिल हुआ है। केरल और त्रिपुरा को क्रमश: दूसरा और तीसरा स्थान मिला है।

इन मानकों पर खता उतरा

केंद्र सरकार की एजेंसी एनसीइएआर (नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकॉनोमिक रिसर्च) हर साल सभी राज्यों के जमीन रिकाॅर्ड संबंधित कामकाज का मूल्यांकन करती है। यह चार मानकों पर होता है। खतियान-जमाबंदी में सुधार (टेक्चुअल), नक्शा (स्पाशियल), डाटा इंट्री (रजिस्ट्रेशन) और समग्रता में जमीन का रिकाॅर्ड (क्वाॅलिटी आॅफ लैंड रिकाॅर्ड) रखने के लिहाज से ये मानक तय किए गए हैं। यह मूल्यांकन वित्तीय वर्ष 2020-21 के कामकाज के आधार पर किया गया है। इन मानकों पर बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की उपलब्धियां एक सौ 25 प्रतिशत मानी गईं।

कई बड़े राज्‍य बिहार से पीछे

विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने शनिवार को बताया कि यह उत्साहित करने वाली उपलब्धि है, जिससे विभाग के सभी अधिकारी और कर्मचारियों का मनोबल बढ़ा है। हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले दिनों में लोग अधिक लगन से काम करेंगे।

उन्होंने बताया कि राज्य के नागरिकों को पारदर्शी, संवेदनशील और सक्रिय भूमि प्रबंधन प्रणाली प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य में जमाबंदी पंजियों के कम्प्यूटरीकरण का काम जुलाई 2017 में शुरू हुआ। राज्य के 3.54 करोड़ जमाबंदियों को साल भर में डिजिटाइज किया गया। इसी दौर में राज्य के जमीन से जुड़े सभी नक्शे को डिजिटाइज कर पोर्टल पर उपलब्ध करा दिया गया। उन्होंने बताया कि जमाबंदियों के डिजिटाइज करने के बाद ही जमीन से जुड़ी सभी सुविधाएं ऑनलाइन हो गईं। फिलहाल दाखिल-खारिज, भू लगान, भूमि दखल कब्जा प्रमाण पत्र की सुविधाएं ऑनलाइन मिल रही हैं। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि इस मामले में तेलांगना, गुजरात, छत्तीसगढ़, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों से बिहार काफी आगे निकल गया है।

इस तरह हासिल हुई उपलब्धि

मानक                अंक              2019-20   2020-21      बदलाव  प्रतिशत में

1.टेक्चुअल रिकार्ड-  20                6.8           14.6         111 प्रतिशत

2. स्पाशियल रिकार्ड  20                2.5           13.5         440 प्रतिशत

3. रजिस्ट्रेशन        20                 7.5           15.6          108 प्रतिशत

4. क्वालिटी ऑफ लैंड रिकार्ड 40       12            21.1          76 प्रतिशत   

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