बोरिंग का पता नहीं पानी सप्‍लाई के लिए पाइप बिछाते गए, बिहार सरकार ने इंजीनियर पर शुरू की कार्रवाई

Bihar News फेल नलकूप से गांवों में पेयजल पहुंचाने के लिए खर्च कर दिए 70 लाख रुपये गया जिले की छह ग्रामीण जलापूर्ति योजना में गड़बड़ी अवकाश ग्रहण कर चुके अभियंता की पेंशन से राशि वसूलने की प्रक्रिया शुरू

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Sat, 03 Jul 2021 11:14 AM (IST) Updated:Sat, 03 Jul 2021 11:14 AM (IST)
बोरिंग का पता नहीं पानी सप्‍लाई के लिए पाइप बिछाते गए, बिहार सरकार ने इंजीनियर पर शुरू की कार्रवाई
बिहार के गया में सामने आई थी गड़बड़ी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) अपने एक अवकाश प्राप्त इंजीनियर की पेंशन राशि से फालतू खर्च की रकम वसूलने की कोशिश में जुट गया है। यह वसूली गया में कभी तैनात रहे कार्यपालक अभियंता अजय कुमार सिन्हा से होगी। वे मुख्यालय में अधीक्षण अभियंता के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। सेवानिवृत्ति के बाद की सभी सुविधाएं उन्हें मिल रही हैं। अब विभाग की जांच रिपोर्ट आई है। उसमें बताया गया है कि सिन्हा द्वारा 70 लाख से अधिक रुपये फालतू में खर्च कर दिए गए। ये ग्रामीण पाइप जलापूर्ति से जुड़ा मामला है।

गया में छह ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजनाओं का मामला

पीएचईडी की ओर से गया में छह ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजना शुरू की गई। ये बभनी, मोहनपुर, नीमचक बथानी, आमस, चंदौती और सरबहदा में थीं। गड़बड़ी यह हुई कि इन सभी योजनाओं के लिए बनाए गए अधिक शक्ति वाले नलकूप फेल कर गए। कायदे से यहीं पर काम रुक जाना चाहिए था। नए नलकूप की व्यवस्था की जाती, जो कि नहीं हुआ। नलकूप फेल होने के बाद भी इस योजना के बाकी काम को जारी रखा गया। इसमें आपूर्ति पाइप लाइन बिछाने का भी काम था, जबकि जल स्रोत के अभाव में इसकी जरूरत नहीं थी।

जांच में पकड़़ में आया घपला

विभाग की प्रारंभिक जांच में ही घपला पकड़ में आ गया। दूसरी जांच मुख्य अभियंता की अध्यक्षता में गठित समिति ने की। उसने भी माना कि गैरजरूरी मद में 70 लाख से अधिक रुपये खर्च हो गए। इस समिति ने सिन्हा से स्पष्टीकरण मांगा। उनके जवाब को असंतोषजनक करार दे कर अभियंता प्रमुख की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन पिछले साल 16 जून को किया गया। इस समिति ने भी माना कि सरकार के 70 लाख रुपये फालतू में खर्च कर दिए गए। समिति की रिपोर्ट के बाद ही पेंशन से फालतू खर्च की वसूली के लिए कार्यवाही शुरू की गई। 

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