बिहारः जदयू की राजनीति में यूं ही नहीं यात्रा फैक्टर, जानें कितने टारगेट पर है नीतीश की पार्टी की नजर
जदयू की राजनीति में यात्रा फैक्टर के सक्रिय होने के कई मायने हैैं। कई लक्ष्य एक साथ साधे जा रहे। आम तौर पर यात्रा के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम जुड़ा है। पार्टी एक तीर से कई निशाने साधना चाह रही है।
राज्य ब्यूरो, पटना। न कोई चुनाव न कोई अभियान। ऐसे में जदयू की राजनीति में यात्रा फैक्टर के सक्रिय होने के कई मायने हैैं। कई लक्ष्य एक साथ साधे जा रहे। आम तौर पर यात्रा के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम जुड़ा है। उन्होंने लगातार कई यात्राएं कई नाम से कीं। वह तो यह कहते भी रहे हैं कि यात्राओं से मिले फीडबैक से उन्हें कई नई योजनाएं शुरू करने की प्रेरणा भी मिली। परंतु इस बार जदयू के अन्य नेताओं की यात्राएं शुरू हुई हैं। पहले जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा और फिर प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के साथ-साथ पार्टी के प्रवक्ता व अन्य पदाधिकारी भी यात्रा पर निकल रहे हैं।
यात्रा के मूल में नीतीश द्वारा शुरू योजनाओं की फीडबैक रिपोर्ट
विगत 16 वर्षों में नीतीश कुमार ने बड़ी संख्या में योजनाएं शुरू की। इनमें यूनिवर्सल यानी सभी वर्ग के लिए शुरू की गई योजनाओं की संख्या भी काफी है। सरकार चाहती है कि इन योजनाओं का जमीनी फीडबैक सही तरीके से उन्हें मिले। कहां-कहां काम अटका यह पता किया जा रहा। मुख्यमंत्री ने पार्टी के नेताओं की बैठक में एक दिन यह कहा कि जमीनी हकीकत उन्हें बताया जाए ताकि समाधान की दिशा में काम हो। उपेंद्र कुशवाहा ने तो अपनी यात्रा के दौरान मिल रहे फीडबैक की आरंभिक बात भी साझा की है। जदयू लोगों को यह भी बताना चाह रही कि कौन-कौन सी योजनाएं नीतीश कुमार ने शुरू की है।
नई पीढ़ी को इस यात्रा के माध्यम से आगे करने की तैयारी
जदयू की इस कवायद के मायने यह भी बताए जा रहे कि इसके जरिए जदयू अपने नेताओं की नई श्रृंखला भी तैयार कर रही। अलग-अलग इलाकों में अपने नेताओं को जमीन पर सक्रिय कर उनमें नेतृत्व क्षमता को सशक्त किए जाने का लक्ष्य भी इस यात्रा के माध्यम से साधा जा रहा।
संगठन को निरंतर सक्रिय रखना भी यात्रा का एक उद्देश्य
यात्रा के माध्यम से जदयू अपने संगठन को निरंतर सक्रिय रखने का लक्ष्य भी साध रहा। यही वजह है कि जहां यात्राएं हो रही, वहां पार्टी के पदाधिकारी जैसे उपाध्यक्ष, महासचिव, सचिव, लोकसभा व विधानसभा प्रभारियों की उपस्थिति अनिवार्य की गई हैै।