Bihar Politics: तेज प्रताप यादव के बाद मीसा भारती और जगदानंद सिंह की बारी, भाजपा ने राजद पर इस तरह कसा तंज
Bihar Politics राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादस के परिवार और पार्टी में चल रही खींचतान ने सभी दलों को बोलने का मौका दे दिया है। विरोधी दलों के साथ ही सहयोगी भी अब पूरे मसले पर मजे लेने लगे हैं।
पटना, जागरण टीम। Bihar Politics: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादस के परिवार और पार्टी में चल रही खींचतान ने सभी दलों को बोलने का मौका दे दिया है। विरोधी दलों के साथ ही सहयोगी भी अब पूरे मसले पर मजे लेने लगे हैं। भाजपा और जदयू के नेता जहां तेज प्रताप यादव को उकसाने में जुटे हैं, वहीं अब कांग्रेस भी इस मुहिम में पीछे नहीं रह गई है। कांग्रेस के एक नेता ने दावा किया है कि तेज प्रताप बिहार विधानसभा के उप चुनाव में राजद के खिलाफ और कांग्रेस के समर्थन में प्रचार करेंगे। इधर, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने यहां तक कह दिया कि तेज प्रताप चाहें तो कांग्रेस ज्वाइन कर लें। भाजपा ने कहा है कि तेज प्रताप को ठिकाने लगाने के बाद राजद में अगली बारी मीसा भारती की है।
अपना रास्ता तलाश लें तेज प्रताप यादव और मीसा भारती
भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री व भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने राजद पर निशाना साधते हुए कहा है कि बिहार विधानसभा उपचुनाव में राजद के स्टार प्रचारकों की सूची से तेजप्रताप यादव और मीसा भारती को निकाल दिया गया। अब सीधा इशारा है कि ये दोनों अपना अलग रास्ता तलाश लें। तेजप्रताप तो राजद से आउट हो गए हैं। मीसा भारती का लोकसभा टिकट कटना तय है, राज्यसभा में उन्हें दोबारा नहीं भेजा जाएगा। संदेश साफ है कि मीसा अपना नया ठिकाना ढूंढ लें।
जगदानंद को प्रचार के लायक भी नहीं समझा गया
निखिल आनंद ने लालू परिवार द्वारा राजद के वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा किए जाने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि किसी भी राजनीतिक दल के प्रदेश अध्यक्ष की इससे ज्यादा बेइज्जती क्या होगी कि उसको विधानसभा के उपचुनाव में प्रचार के लायक ही नहीं समझा गया है। जगदानंद सिंह को रघुवंश बाबू का अपमान याद करना चाहिए और नैतिक तौर पर राजद के प्रदेश अध्यक्ष से इस्तीफा दे देना चाहिए।
उपचुनाव में राजग प्रत्याशियों की जीत तय : मनोज शर्मा
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनोज शर्मा ने कहा है विधानसभा की दो सीटों पर हो रहे उपचुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रत्याशियों की जीत तय है। तेजस्वी यादव भले अपने आप को महागठबंधन का नेता मानते हों, लेकिन घटक दल तेजस्वी को नेता नहीं मानते हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण बिहार विधानसभा के उपचुनाव में सामने आया है। तेजस्वी यादव ने अपने घटक दल कांग्रेस को धोखा दिया। बंटवारे के मुताबिक कुशेश्वरस्थान की सीट कांग्रेस की थी, लेकिन तेजस्वी ने वर्चस्व में अंगूठा दिखा दिया। अब कांग्रेस ने भी तारापुर और कुशेश्वरस्थान में प्रत्याशी उतारकर तेजस्वी को औकात बता दिया है। ऐसे में तेजस्वी यादव की महागठबंधन में प्रासंगिकता पूरी तरह से समाप्त हो गई है। अब महागठबंधन के कोई भी घटक दल उनको अपना नेता नहीं मानता है।