Bihar Politics: महायुद्ध का ऐलान कर बैकफुट पर आए तेजप्रताप, तेजस्वी संग समझौते के मूड में
सियासी हक के लिए स्वजनों से ही महायुद्ध की तैयारी कर रहे तेजप्रतापअब समझौते का रास्ता तलाश रहे हैं। राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह से आरपार के बाद छोटे भाई तेजस्वी यादव से पांडवों की तर्ज पर पांच गांव की मांग करने वाले तेजप्रताप बैकफुट पर खड़े हैं।
पटना, राज्य ब्यूरो। हफ्ते भर पहले तक सियासी हक के लिए स्वजनों से ही महायुद्ध की तैयारी कर रहे तेजप्रताप यादव (RJD MLA TejPratap Yadav) अब समझौते का रास्ता तलाश रहे हैं। राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (RJD Bihar President Jagdanand Singh) से आरपार के बाद छोटे भाई तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) से पांडवों की तर्ज पर पांच गांव की मांग करने वाले तेजप्रताप बैकफुट पर खड़े हैं। विवादित बयान देने से बचने की कोशिश कर रहे हैं। बैनरों-पोस्टरों में तेजस्वी की तस्वीर को फिर से लगाने लगे हैं। जगदानंद को चाचा बताने में भी कोताही नहीं कर रहे। पिता लालू प्रसाद को भगवान श्रीकृष्ण का रूप बताकर तेजप्रताप फिर चर्चा में हैं।
लालू प्रसाद को खुश करने का कर रहे प्रयास
तेजप्रताप ने पहले तो अपने रवैये से लालू प्रसाद को नाराज किया। अब उन्हें खुश करने के लिए हर जतन कर रहे हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की रात उन्होंने अपने आवास पर भजन-कीर्तन का आयोजन किया। उसे मोबाइल के जरिए लाइव करके लालू को दिखाया। अगले ही दिन उन्होंने अपने फेसबुक वाल पर लालू की एक तस्वीर पोस्ट की, जिसके एक हाथ में चक्र दिखाया गया है और दूसरे में बांसुरी है। यह श्रीकृष्ण की छवि है। मूर्ति में लालू के गले में तीन माला भी दिख रही हैं और परिचय में लिखा है : गरीबों का भगवान। हालांकि, मूर्ति में लालू पायजामा-कुर्ता में दिख रहे हैं। तेजप्रताप की इस कवायद को परिवार में समझौते की पहल के रूप में देखा जा रहा है।
फेसबुक पर सेकेंड लालू नाम से है पेज
तेजप्रताप ने अपने फेसबुक पर सेकेंड लालू नाम से एक अलग पेज बना रखा है। इसके जरिए वह खुद को दूसरा लालू बताने-जताने की कोशिश करते हैं। उनके अभियान को सबसे बड़ा झटका उस वक्त लगा, जब उन्होंने छात्र राजद के कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पर हमला बोल दिया। हालांकि, इसके पहले भी कई मौकों पर उन्होंने अपने तेवर दिखाए थे, लेकिन इस बार तेजस्वी यादव को भी नागवार गुजरा और पार्टी ने उन्हें नियंत्रित करने के लिए उनके चहेते आकाश यादव को छात्र राजद के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया। यह तेजप्रताप के लिए बड़ा झटका था। मामले ने इतना तूल पकड़ लिया कि लालू प्रसाद को हस्तक्षेप करना पड़ा।