पटना में दो दिन पहले ही लोजपा के बगावत की पटकथा पूरी हो गयी थी, ग्रीन सिग्नल उस फोन से मिला
बगावत की पटकथा आज से दो दिन पहले पटना में पूरी हो गयी थी। पशुपति पारस गुरुवार की दोपहर अचानक दिल्ली से पटना पहुंचे थे। उनके आने की खबर केवल उनके कुछ खास लोगों को ही थी। पटना आकर वह लोजपा प्रदेश कार्यालय में ही रुके।
पटना, भुवनेश्वर वात्स्यायन। Bihar Politics: लोजपा की अनुषंगी इकाई दलित सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व में लोजपा की बगावत का ताना-बाना काफी पहले से बुना जा रहा था। विधानसभा चुनाव के समय ही पारस पर अलग होने का दबाव था। बगावत की पटकथा आज से दो दिन पहले पटना में पूरी हो गयी थी। पशुपति पारस गुरुवार की दोपहर अचानक दिल्ली से पटना पहुंचे थे। उनके आने की खबर केवल उनके कुछ खास लोगों को ही थी। पटना आकर वह लोजपा प्रदेश कार्यालय में ही रुके। शुक्रवार को एक दल के कुछ खास लोगों से मुलाकात हुई और शनिवार की दोपहर वह दिल्ली लौट गए। इस दो दिनों के प्रवास में ही यह तय हो गया कि रविवार से सोमवार तक सब कुछ तय कर लिया जाए। टारगेट यह था कि मंत्रिमंडल विस्तार के पहले बंगला रिमाडल हो जाए।
अपने रिश्तेदार ने ही बात को आगे बढ़ाया
एक जमाने में सांसद रहे पारस के रिश्तेदार ने बगावत में मध्यस्थ की भूमिका निभायी। वर्तमान में वह एक संवैधानिक ओहदे पर भी हैं। गुस्सा पहले से था। पारस उस वक्त से ही नाराज चल रहे थे जब उन्हें लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद से उनकी मर्जी के खिलाफ उन्हें हटाया गया था। बिहार में वह मंत्री थे पर बिहार से हटाने के लिए उन्हें हाजीपुर लोकसभा से चुनाव लड़ाया गया। यह गुस्सा कभी-कभी सार्वजनिक भी हो जा रहा था।
प्रिंस राज को इस वजह से थी नाराजगी
इसके बाद पार्टी के एक और सांसद प्रिंस राज के कद को थोड़ा समेटने के लिहाज से प्रदेश लोजपा में एक कार्यकारी अध्यक्ष का पद सृजन कर दूसरे को अलग से जबावदेही दे दी गयी। पारस और प्रिंस दोनों नाराज थे। यह नाराजगी लगातार बढ़ती गयी। यह भी खबर है कि पारस को कई बार अपमानित भी होना पड़ा।
पड़ोस में रहने वाले एक सांसद के माध्यम से मिला ग्रीन सिग्नल
शनिवार की रात पारस दिल्ली पहुंच गए थे। सब कुछ तय हो गया था और ग्रीन सिग्नल आना था कि आगे कैसे बढऩा है। पारस को दिन में सोने की आदत है। लगभग दो बजे के करीब उनके पड़ोस में रहने वाले बिहार के एक सांसद ने उन्हें फोन किया। आमतौर पर दिन में सोने के समय पारस फोन नहीं उठाते हैं, पर उन्होंने फोन उठा लिया। बमुश्किल एक मिनट बात हुई। इसके कुछ ही घंटे बाद यह बात सामने आ गयी कि पारस के नेतृत्व में लोजपा के पांच सांसद चिराग से अलग हो गए हैं।
दिल्ली में एक ही बंगले में रहते हैं पारस और प्रिंस
दिल्ली में पारस और प्रिंस एक ही बंगले में रहते हैं। खबर यह थी कि पारस इन दिनों प्रिंस के लिए बन रहे घर को देख रहे थे पर अचानक पटना आकर बंगला को रिमाडल कर दिया।