LJP Party News: चिराग की अक्षमता से लोजपा में हुआ विभाजन, केसी त्यागी बोले- जदयू को कोई मतलब नहीं
LJP Party News लोजपा में छिड़े विवाद से जदयू ने अपना पल्ला झाड़ लिया है। पार्टी के प्रधान महासचिव और प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा-यह चिराग की आक्रामक कार्यशैली और संगठन चलाने में अक्षम रहने की परिणति है। जदयू को कभी लोजपा से मतलब नहीं रहा है।
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Politics: लोजपा में छिड़े विवाद से जदयू ने अपना पल्ला झाड़ लिया है। पार्टी के प्रधान महासचिव और प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा-यह चिराग की आक्रामक कार्यशैली और संगठन चलाने में अक्षम रहने की परिणति है। जदयू को कभी लोजपा से मतलब नहीं रहा है। लोजपा का चुनावी तालमेल भाजपा से था। त्यागी ने शुक्रवार को कहा कि चिराग अपनी पार्टी में विभाजन के लिए बेवजह जदयू और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम ले रहे हैं। 2005 से 2020 तक के लोकसभा या विधानसभा चुनावों में कभी जदयू के साथ लोजपा का चुनावी गठबंधन नहीं हुआ।
त्यागी ने कहा- कभी साथ नहीं रही लोजपा
त्यागी ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले तक लोजपा और जदयू अलग-अलग गठबंधन के साथ चुनाव लड़े। 2019 के पहले के सभी चुनावों में लोजपा अलग-अलग गठबंधन का हिस्सा बनी। लेकिन, उससे पहले के किसी चुनाव में जदयू उस गठबंधन में भागीदार नहीं रहा, जिसमें लोजपा भी शामिल थी। 2020 के विधानसभा चुनाव में भी लोजपा को सीट देने का विषय जदयू का नहीं था।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिखाई थी उदारता
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जरूर उदारता दिखाई। लोजपा के संस्थापक रहे रामविलास पासवान का सम्मान किया। उनके मुताबिक एक सुबह रामविलास पासवान, पशुपति कुमार पारस और चिराग पासवान मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। नाश्ता के साथ बातचीत हो रही थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह पशुपति कुमार पारस को अपने कैबिनेट में शामिल करना चाहते हैं। रामविलास पासवान चकित हुए। कहा-पारस तो विधायक नहीं हैं। मंत्री कैसे बनेंगे? नीतीश ने तुरंत कहा कि वे पारस को विधान परिषद का सदस्य बना देंगे। उन्होंने ऐसा किया भी।
राजद से भी तीखा हमला किया लोजपा ने
केसी त्यागी ने कहा-बेशक चिराग की शैली शुरू से जदयू के विरोध की रही है। विधानसभा चुनाव में चिराग ने नीतीश कुमार को सत्ता से बेदखल करने का नारा दिया। उन्होंने कई मौके पर सरकार की आलोचना की। उनका स्वर मुख्य विपक्षी दल राजद से भी तीखा था। फिर भी नीतीश ने कभी उन्हें जवाब नहीं दिया। अब, पार्टी में फूट पड़ी है तो चिराग इसके लिए जदयू को जिम्मेवार ठहरा रहे हैं। जबकि पूरी घटना के लिए वह खुद ही जिम्मेदार हैं।