Bihar Politics: बिहार विधानसभा में उत्पात के दोषी विधायकों पर कार्रवाई की प्रक्रिया प्रारंभ

Bihar Politics बजट सत्र के दौरान विधानसभा में मारपीट के दोषी पुलिसकर्मियों के साथ-साथ मर्यादा भंग करने वाले विधायकों को भी बख्शा नहीं जाएगा। उनके भी व्यवहार की समीक्षा शुरू हो गई है। अगर दोषी पाए गए तो उनपर भी कार्रवाई होगी।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Fri, 09 Apr 2021 09:45 PM (IST) Updated:Fri, 09 Apr 2021 09:45 PM (IST)
Bihar Politics: बिहार विधानसभा में उत्पात के दोषी विधायकों पर कार्रवाई की प्रक्रिया प्रारंभ
बिहार विधानसभा में हंगामे का दृश्य। जागरण आर्काइव।

राज्य ब्यूरो, पटनाः बजट सत्र के दौरान विधानसभा में मारपीट के दोषी पुलिसकर्मियों के साथ-साथ मर्यादा भंग करने वाले विधायकों को भी बख्शा नहीं जाएगा। उनके भी व्यवहार की समीक्षा शुरू हो गई है। अगर दोषी पाए गए तो उनपर भी कार्रवाई होगी। विधानसभा की आचार समिति के सभापति रामनारायण मंडल की अध्यक्षता में गुरुवार को बैठक हुई, जिसमें भाजपा विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू, अरुण सिन्हा और राजद विधायक विष्णुदेव प्रसाद मौजूद थे। अगली सुनवाई 19 अप्रैल को होगी। इस दौरान सदन में 23 मार्च की घटना का वीडियो फुटेज देखा गया। कुछ और फुटेज की मांग की गई। 

दूध का दूध और पानी का पानी होगा

बैठक के बाद रामनारायण मंडल ने कहा कि दूध का दूध और पानी का पानी होगा। समिति को निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए कुछ और साक्ष्यों की जरूरत है। मंडल ने कहा कि सदन की गरिमा का ख्याल रखना सभी सदस्यों का दायित्व है। अभी यह बताना जल्दबाजी होगी कि कार्रवाई कब होगी। जो घटना हुई है, उसे कई बार देखा जाएगा। बड़ी स्क्रीन पर भी देखा जाएगा, ताकि किसी निर्दोष के खिलाफ कार्रवाई न हो जाए। पूरा संतुष्ट हो जाने के बाद ही आधिकारिक तौर पर कुछ कहा जा सकता है। मगर इतना तय है कि पड़ताल के बाद जो भी कार्रवाई होगी, वह संसदीय परंपरा के लिए यादगार बनेगी। 

सारे पक्षों और साक्ष्यों की सूक्ष्म समीक्षा होगी

ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने बताया कि किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सारे पक्षों और साक्ष्यों की सूक्ष्म समीक्षा होगी, ताकि फैसले में किसी तरह का पक्षपात न हो। इसीलिए विधानसभा सचिव से सदन के अंदर-बाहर के अलग-अलग फुटेज मांगे गए हैं। बता दें 23 मार्च को बिहार सशस्‍त्र पुलिस विधेयक 2021 के विरोध में विपक्षी विधायकों ने सदन की कार्यवाही रोकने के लिए स्‍पीकर को उनके चैंबर में ही बंधक बना लिया था। इसके बाद पुलिस ने नेताओं को खींच-खींचकर हटाया। कई राजद नेताओं को मुक्‍का मारा और सदन से बाहर फेंक दिया गया था। 

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