बिहारः ललन बोले- वीपी सिंह के समय से नीतीश कर रहे जातीय जनगणना की मांग, विशेष राज्य मुद्दा नहीं रहा
ललन सिंह ने कहा है कि जातिगत जनगणना की मांग हमारे लिए नई नहीं है। वीपी सिंह के प्रधानमंत्री रहते भी नीतीश ने मुद्दे को उठाया था। वीपी सिंह का कहना था कि जनगणना का काम शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा मुद्दा नहीं रहा
राज्य ब्यूरो, पटना : जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने सोमवार को कहा कि जातिगत जनगणना की मांग हमारे लिए नई नहीं है। वीपी सिंह के प्रधानमंत्री रहते भी नीतीश कुमार ने इस मुद्दे को उनके समक्ष उठाया था। वीपी सिंह का कहना था कि जनगणना का काम शुरू हो चुका है। इसलिए अभी यह नहीं किया जा सकता। अब जब जनगणना शुरू होने को है तो हम लोग इस मुद्दे को उठा रहे हैं।
जातीय जनगणना से नीतियां बनाने में मिलेगी मदद
लोकसभा सांसद ललन सिंह ने कहा कि आखिरी बार जातिगत जनगणना ब्रिटिश काल में 1931 में हुई थी। अब अलग-अलग सामाजिक समूह संख्या के बारे में दावा कर रहे हैं। अगर विभिन्न जातियों के दावे को जोड़ लें तो यह संख्या 390 करोड़ के करीब हो जाएगी, जबकि इस समय देश की आबादी 130 करोड़ है। जातिगत जनगणना से सही संख्या की जानकारी मिलेगी। विकास की धारा में पिछड़ गए समूहों के लिए नीतियां बनाने में मदद मिलेगी।
किसी राज्य को हीं मिल रहा विशेष राज्य का दर्जा
ललन सिंह से जब यह सवाल किया गया कि क्या जदयू ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग छोड़ दी है? उन्होंने कहा कि हम लोग पैकेज पर बात कर रहे। विशेष राज्य का दर्जा मुद्दा नहीं रहा, क्योंकि किसी राज्य को यह नहीं मिल रहा।
जातिगत जनगणना पर हम एनडीए के सशक्त सहयोगी
जातिगत जनगणना के मसले पर भविष्य में जदयू कुछ फैसले ले सकता है? पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कहना था कि हम लोग राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सशक्त सहयोगी के रूप में हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम नीतिगत मसले पर अपनी बात नहीं रखें। हम लोगों ने तो लोकसभा में तीन तलाक बिल का भी विरोध किया था। इसके बावजूद हम राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में बने रहे। अब तो हम सरकार का हिस्सा भी हैं।