Bihar Politics: मुकेश सहनी ने चेताया, बीजेपी को याद दिलाया पुराना वादा, यूपी में बोले - अब होगी आर-पार की लड़ाई

UP-Bihar Politics मुकेश सहनी ने उत्‍तर प्रदेश में भाजपा के साथ तालमेल का प्रयास किया था। उनकी कोशिश थी कि वे यूपी में भी एनडीए का हिस्‍सा बनकर ही चुनाव लड़ें। तालमेल की संभावना खत्‍म होने के बाद वे अब खुलकर भाजपा को चुनौती दे रहे हैं।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 09:46 AM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 09:48 AM (IST)
Bihar Politics: मुकेश सहनी ने चेताया, बीजेपी को याद दिलाया पुराना वादा, यूपी में बोले - अब होगी आर-पार की लड़ाई
नरेंद्र मोदी, अमित शाह और मुकेश सहनी। फाइल फोटो

पटना, जागरण टीम। UP-Bihar Politics: बिहार में एनडीए (NDA) का हिस्‍सा हैं और एनडीए की सरकार का भी, मंत्री का पद भी है, लेकिन बिहार से बाहर निकलते ही मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) की राह अलग है। बिहार में रहकर वे एनडीए के मजबूत होने का दावा करते हैं, लेकिन उत्‍तर प्रदेश (Uttar Pradesh) जाते ही एनडीए की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा (BJP) को चुनौती देते हैं। वे कहते हैं कि यूपी में किसी की भी सरकार उनके बगैर नहीं बनेगी। उत्‍तर प्रदेश की चुनावी सभाओं में विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के अध्‍यक्ष और बिहार के पशुपालन मंत्री मुकेश सहनी कह रहे हैं कि सरकार अगर इस बार नहीं मानी तो आर-पार की लड़ाई होगी। सहनी ने मंगलवार को बिहार से सटे यूपी के जिले गाजीपुर (Ghazipur) में एक रैली में कहा कि केंद्र और राज्‍य दोनों जगह एक ही पार्टी की सरकार है, अगर यह पार्टी चाहे तो निषाद जाति को आरक्षण आसानी से मिल सकता है। जाहिर है कि वे नाम लें या न लें, उनका पहला निशाना अपने ही सहयोगी दल भाजपा पर है।

सहनी बोले- अब आ गया है जवाब देने का समय

विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी ने कहा है कि निषाद जाति को आरक्षण नहीं मिला तो इस बार आर-पार की लड़ाई होगी। सहनी मंगलवार को गाजीपुर में निषाद चेतना रैली को संबोधित कर रहे थे। सहनी नौ अक्टूबर से लगातार उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में निषाद चेतना रैली को संबोधित कर रहे हैं।

सहनी ने कहा कि यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में वीआइपी अपने दम पर लड़ेगी। अभी नहीं तो कभी नहीं की बात करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान में केंद्र और राज्य में एक ही पार्टी की बहुमत की सरकार है। चाहे तो उनके आरक्षण की मांग पूरी की जा सकती है, लेकिन अब जवाब देने का समय आ गया है। अगर निषाद समुदाय का आरक्षण नहीं मिला तो आरपार की लड़ाई होगी। उन्होंने कहा निषाद, कश्यप, बिंद समाज नहीं 169 सीटों पर 40 हजार से 1.20 लाख वोट बैंक है। निषाद कटपीस नहीं थान वाला जातीय समूह है।

सरकार को याद दिलाया पुराना वादा

सहनी ने कहा कि 2012 को फिशरमैन विजन डाक्यूमेंट जारी करते हुए कहा गया था कि 2014 में अगर सरकार बनी तो आरक्षण की विसंगतियों को दूर किया जाएगा। निषाद, मछुआरा को आरक्षण दिया जाएगा। साथ ही नीली क्रांति के माध्यम से आर्थिक विकास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर अब सरकार आरक्षण नहीं देती है तो उसके वादे पर विश्वास नहीं किया जाएगा। दो या 10 मंत्री बनाने से निषाद समाज के लोग किसी के जाल में नहीं फंसेंगे। इन्हें सिर्फ आरक्षण और शासनादेश का अधिकार चाहिए। उन्होंने दावा किया कि वीआइपी उत्तर प्रदेश में किंग नहीं तो कम से कम किंग मेकर जरूर बनेगी।

भाजपा के साथ तालमेल का किया था प्रयास

मुकेश सहनी ने उत्‍तर प्रदेश में भाजपा के साथ तालमेल का प्रयास किया था। उनकी कोशिश थी कि वे यूपी में भी एनडीए का हिस्‍सा बनकर ही चुनाव लड़ें। तालमेल की संभावना खत्‍म होने के बाद वे अब खुलकर भाजपा को चुनौती दे रहे हैं। वे भाजपा के केंद्रीय नेतृत्‍व पर सवाल उठाने से तो बचते हैं, लेकिन उत्‍तर प्रदेश भाजपा और वहां के मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ के खिलाफ बयान देने से नहीं चूकते हैं।

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