बिहारः मांझी का केंद्रीय मंत्री व चार सांसदों पर बड़ा आरोप, बोले-जाली सर्टिफिकेट लगा हुए निर्वाचित

जीतनराम मांझी ने कहा है कि केंद्रीय मंत्री सहित पांच सांसदों को फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों से लोकसभा के लिए चुना गया है। इसमें बीजेपी के भी नेता एमपी का नाम शामिल है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 04:36 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 04:36 PM (IST)
बिहारः मांझी का केंद्रीय मंत्री व चार सांसदों पर बड़ा आरोप, बोले-जाली सर्टिफिकेट लगा हुए निर्वाचित
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी। जागरण आर्काइव।

जागरण टीम, पटना। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल जीतनराम मांझी ने बुधवार को दिल्ली में आयोजित पार्टी की बैठक में बड़ा आरोप लगाया है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मांझी ने कहा है कि केंद्रीय मंत्री व चार सांसदों को फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों से लोकसभा के लिए चुना गया है। इनमें बीजेपी के दो सांसदों के साथ ही कांग्रेस और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) एवं एक निर्दलीय एमपी भी शामिल हैं। बिहार की नीतीश कुमार सरकार का हिस्सा मांझी ने जांच की मांग की है। 

मांझी ने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल, जय सिद्धेश्वर शिवाचार्य महास्वामी (भाजपा), कांग्रेस सांसद मोहम्मद सादिक, टीएमसी सांसद अपरूपा पोद्दार और निर्दलीय सांसद नवनीत रवि राणा चुनाव लड़ने के बाद एससी के लिए आरक्षित सीटों का प्रतिनिधित्व करते हैं। जीतनराम मांझी ने मामले को लेकर जांच की मांग की है। मांझी ने दावा किया है कि दलितों को नौकरियों और यहां तक ​​कि स्थानीय निकाय चुनावों में भी 15 से 20 प्रतिशत कोटा लाभ जाली जाति प्रमाण पत्र के आधार पर दूसरों द्वारा हड़प लिया जाता है। ऐसे मामले रुकने चाहिए। 

सांसद नवनीत रवि राणा सुप्रीम कोर्ट ने दी थी राहत

हालांकि इन सांसदों की ओर से बिहार के पूर्व सीएम मांझी के आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई, लेकिन उनमें से अधिकांश अतीत में आरोपों से इनकार कर चुके हैं। अब मांझी ने फिर इस मुद्दे को उठा दिया है। गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल के सहयोगियों ने दावा किया था कि उनकी जाति को उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति के रूप में अधिसूचित किया गया है, जहां से वे चुने गए हैं। निर्दलीय सांसद नवनीत रवि राणा का बॉम्बे हाईकोर्ट ने जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिया था, लेकिन उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी थी। मामले में जून में फैसले पर रोक लगा दी गई थी। 

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