बिहार में जदयू ने एक तीर से साधा कई निशाना, इस मामले में बनी देश की पहली पार्टी

बिहार में जदयू ने एक तीर से कई निशाने लगा दिए गए। ऐसा अपनी प्रदेश कमेटी की जारी सूची में महिला कार्ड को शामिल कर किया। यह पहला मौका है जब किसी दल ने अपनी प्रदेश कमेटी में 33 फीसद से अधिक महिलाओं को शामिल किया।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 08:54 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 08:54 PM (IST)
बिहार में जदयू ने एक तीर से साधा कई निशाना, इस मामले में बनी देश की पहली पार्टी
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह और बिहार के सीएम नीतीश कुमार। जागरण आर्काइव।

भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना: जदयू ने गुरुवार को अपनी प्रदेश कमेटी की जारी सूची में महिला कार्ड को इस अंदाज में आगे किया गया कि एक तीर से कई निशाने लगा दिए गए। यह पहला मौका है जब किसी दल ने अपनी प्रदेश कमेटी में 33 फीसद से अधिक महिलाओं को शामिल किया। जदयू के इस फैसले से 72 महिलाएं पार्टी की पदधारक बन गई हैं। अब देश स्तर पर यह बात चलेगी। वहीं जदयू ने आधी आबादी को तवज्जो देने में इसका ध्यान रखा कि विधानसभा चुनाव में जो महिलाएं चुनाव के मैदान में थीं और किसी वजह से हार गईं, उन्हें भी प्रदेश कमेटी में जगह दी गई।

महिलाओं का पदगणित

जदयू में महिलाओं के पदगणित पर गौर कीजिए। कुल 29 उपाध्यक्ष बनाए गए हैं। इनमें नौ महिलाएं हैं। 60 प्रदेश महासचिव बनाए गए हैं। इनमें महिलाओं की संख्या 14 है। कुल 114 सचिव बनाए गए हैं। इनमें महिलाओं की संख्या 40 है। वहीं सात प्रवक्ताओं में एक महिला भी है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने प्रदेश कमेटी की घोषणा की। उन्होंने कहा कि पहली बार 33 फीसद से अधिक महिलाओं को प्रदेश कमेटी में जगह दी गई है। ऐसा करने वाला जदयू देश का पहला राजनीतिक दल बन गया है। 

यूं ही नहीं महिलाएं बात करती हैं नीतीश की

आम तौर पर यह देखा गया है कि वोटिंग के दिन आप कहीं निकलें तो महिलाओं की कतार को देख नीतीश कुमार के वोट बैैंक की चर्चा होती है। यह यूं ही नहीं है। वाया सरकारी योजनाएं, महिलाओं के लिए हो रहे काम की नीतीश कुमार नियमित रूप से अपने संबोधनों में चर्चा करते हैं। वर्ष 2006 से पंचायती राज और 2007 से नगर निकायों के निर्वाचन में महिलाओं को 50 फीसद आरक्षण दिया जा रहा। प्राथमिक शिक्षक नियोजन में भी महिलाओं के लिए 50 फीसद आरक्षण है। राज्य की सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35 फीसद आरक्षण का प्रविधान है। दस लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों का गठन कर एक करोड़ से अधिक महिलाओं को इससे जोड़ा गया है। इंजीनियरिंग व मेडिकल कालेजों में महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण की व्यवस्था की गई है। उ'चतर शिक्षा के लिए लड़कियों को प्रेरित करने के लिए इंटर पास करने पर 25 हजार तथा स्नातक उत्तीर्ण होने पर 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता की जा रहा है। इसके अतिरिक्त हाल ही में महिला उद्यमिता को आगे लाने को ध्यान में रख मुख्यमंत्री महिला उद्यमिता योजना शुरू की गई है। मुख्यमंत्री कहते रहे हैं कि उनका यह मानना है कि राज्य का विकास तभी होगा, जब पुरुष के साथ महिलाएं भी काम करेंगी।

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