पप्पू यादव ने तोड़ा अनशन, रेफर किए जाने के बाद नहीं आए पटना; बोले- मरीजों की सेवा में नहीं होगी कमी
पप्पू यादव के आधिकारिक अकाउंट से ट्वीट कर बताया गया है कि उन्हें किडनी और हार्ट की दिक्कत के अलावा सांस लेने में भी समस्या हो रही है। वहीं उन्होंने अपने समर्थकों से कहा है कि कोरोना मरीजों की सेवा में कोई कमी नहीं होनी चाहिए।
पटना, ऑनलाइन डेस्क। Pappu Yadav Arrested: जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो और मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव ने अपना अनशन तोड़ने की घोषणा कर दी है। उन्होंने अपनी बिगड़ती तबीयत और डॉक्टरों की सलाह के आधार पर यह फैसला लेने की बात कही है। उन्हें पटना के मंदिरी स्थित आवास से पुलिस ने 11 मई को गिरफ्तार कर लिया था। तभी उन्होंने अनशन शुरू करने की घोषणा की थी। पूर्व सांसद ने दावा किया कि डॉक्टरों की सलाह के बाद उन्होंने चार दिन भूख हड़ताल पर रहने के बाद शुक्रवार की शाम इसे खत्म कर दिया। उनकी खराब तबीयत को देखते हुए दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (डीएमसीएच) से डॉक्टरों की टीम ने उन्हें पटना रेफर किया था, लेकिन इस पर प्रशासनिक स्तर से फैसला शायद अभी नहीं हो सका है। फिलहाल दरभंगा में ही उनका इलाज किया जा रहा है। आज भी उनकी कई जरूरी जांच कराई गई है।
किडनी, सांस और हार्ट की समस्या
पप्पू यादव के आधिकारिक अकाउंट से ट्वीट कर बताया गया है कि उन्हें किडनी और हार्ट की दिक्कत के अलावा सांस लेने में भी समस्या हो रही है। वहीं उन्होंने अपने समर्थकों से कहा है कि कोरोना मरीजों की सेवा में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। इससे पहले उन्होंने कोरोना मरीजों की मदद करने वालों की जांच कराने को लेकर सरकार पर तंज कसा। पूर्व सांसद ने कहा कि ऑक्सीजन, रेमडेसिविर, बेड, वेंटिलेटर, आइसीयू और खाना नहीं मिलने से लोग मर रहे हैं, लेकिन इसकी कोई जांच सरकार नहीं करा रही है। उल्टे जो मददगार बन रहा है, उसे ही परेशान किया जा रहा है।
भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी के साथ हुआ था विवाद
पप्पू यादव की गिरफ्तारी से कुछ ही दिन पहले सारण में सांसद निधि से खरीदी गई एंबुलेंस को बेकार पड़ा रहने का मसला उठाने के बाद उनके और भाजपा के सारण सांसद राजीव प्रताप रूडी के बीच तकरार हुई थी। उनके सहयोगी गिरफ्तारी को इसी मामले से जोड़ रहे हैं। उनका कहना है कि साजिश के तहत 32 साल पुराने मामले में पूर्व सांसद को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि पुलिस इस आरोप का खंडन करती है। पुलिस ने उन्हें लॉकडाउन तोड़ने के आरोप में हिरासत में लिया था। बाद में उन्हें 32 साल पुराने अपहरण के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में पूर्व सांसद के खिलाफ कोर्ट से वारंट जारी था।