Bihar Politics: डिप्टी सीएम ने कहा -बिहार को महाराष्ट्र और दिल्ली ना बनने दें , कोविड से लड़ाई में महिलाओं का आह्वान किया
बिहार की उप मुख्यमंत्री रेणु देवी ने कहा है कि यह सही वक्त था जब दवाई के साथ कड़ाई भी बेहद जरूरी हो गई थी। बिहार में कोविड संक्रमण पर नियंत्रण के लिए सरकार का नाइट कर्फ्यू का कदम बिल्कुल सही समय पर लिया गया सही फैसला है।
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार की उप मुख्यमंत्री रेणु देवी ने कहा है कि यह सही वक्त था, जब दवाई के साथ कड़ाई भी बेहद जरूरी हो गई थी। बिहार में कोविड संक्रमण पर नियंत्रण के लिए सरकार का नाइट कर्फ्यू का कदम बिल्कुल सही समय पर लिया गया सही फैसला है। यदि इसमें थोड़ी भी ढि़लाई बरती जाती तो बिहार का भी हाल महाराष्ट्र और दिल्ली की तरह होने में देर नहीं लगती। बिहार एक गरीब राज्य है, ऐसे हालत में इसके परिणाम दुखदायी होते। इसलिए हम सबको बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। बिहार में कोविड संक्रमण की रफ्तार पिछले साल की अपेक्षा कहीं ज्यादा है। पिछले साल लॉकडाउन के कारण संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सका था। अब हमें खुद बिहार में नाइट कर्फ्यू और संबंधित गाइडलाइन का पूरी सावधानी से पालन करना चाहिए। सरकार अपने स्तर पर हर संभव प्रयास कर रही हैं पर इस यह भी सच है कि हमारी सुरक्षा हमारे हाथ में ही है। यदि हमने कोविड गाइडलाइन के पालन मे जरा सी भी लापरवाही बरतीं तो हमारी जान पर बन आएगी।
कोरोना की लड़ाई में महिलाएं आगे आएं, वह ठान लें, तो हम जरूर कामयाब होंगे
रेणु देवी ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में महिलाओं को आह्वान किया है कि वह कोरोना के खिलाफ लड़ाई में और मजबूती दिखाएं। महिलाएं ठान लें, तो हम कोरोना के खिलाफ चल रही लड़ाई जीतने में जरूर कामयाब होंगे।
उन्होंने कहा कि नवरात्र और पवित्र रमजान का महीना चल रहा है। नवरात्र अपने अंदर की नारी शक्ति को जगाने और महसूस करने का वक्त होता है। चैती छठ का व्रत भी आ गया है। इस समय हमें अत्यधिक सतर्क रहने की जरूरत है। इस बीमारी का हम सबको मिलकर मुकाबला करना है। लड़ाई में महिलाओं का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है।
महिलाएं प्रेरित करें
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार की प्रमुख होने के नाते महिलाएं पूरे परिवार को शारीरिक दूरी, मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग तथा स्वच्छ और स्वस्थ रहने के लिए बेहतर जीवन शैली अपनाने को प्रेरित कर सकती हैं। महिलाओं के हाथ में ही परिवार की कमान होती है। बच्चों, बुजुर्गों और घर के कामकाजी लोगों को वह बेहतर तरीके से प्रेरित और जागरूक कर सकती हैं।
रेणु देवी ने कहा कि फ्रंट लाइन पर रहकर डॉक्टर, नर्स, जीविका दीदी और आंगनबाड़ी सेविका के रूप में महिलाएं पंचायत से लेकर राज्य मुख्यालय तक पिछले एक साल से कोरोना योद्धा के रूप में शानदार और साहसिक कार्य कर रही हैं। समाज उनका ऋणी है। परिवार में भी महिलाएं इसी भूमिका में आगे आएं। वह यह सुनिश्चित करें कि बाहर निकलने वाले घर के सदस्य कोरोना प्रोटॉकॉल का पालन कर रहे हैं कि नहीं। वह उन्हें बाध्य और प्रेरित करें। इसका सीधा प्रभाव दिखेगा। परिवार कोरोना के प्रभाव से बचा रहेगा। व्रत और पूजा के दौरान भी महिलाओं को स्वयं और परिवार के लिए अत्यधिक सतर्क और जागरूक रहना होगा।
वैक्सीन जरूर लगावाएं
रेणु देवी ने कहा कि इस मुश्किल परिस्थिति में सबसे पहले और सबसे बड़ी चिंता लोगों की महामारी से सुरक्षा, उचित इलाज की व्यवस्था और भोजन की उपलब्धता की है। हम सब की जिम्मेदारी है कि हमारे आस-पास कोई भूखा ना रहें। स्कूल-कॉलेज फिलहाल ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखें। छोटे बच्चों को अभिभावक इनडोर गेम्स के लिए प्रोत्साहित करें। मास्क , सैनिटाइजेशन, हैंड वाॅश में जरा भी चूक न करें। इन सबके साथ अपने नजदीकी सेंटर पर कोविड वैक्सींन जरूर लगवाएं।