Bihar Politics: कुशेश्वरस्थान सीट पर कांग्रेस ने ठोका दावा, कहा- चिराग सपोर्ट करते हैं तो उनका स्वागत है
Bihar Politics तारापुर और कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट के लिए 30 अक्टूबर को चुनाव होने हैं। इसको लेकर कांग्रेस और आरजेडी में अंदर ही अंदर खींचतान जारी है। कांग्रेस ने बुधवार को इशारों ही इशारों में कुशेश्वरस्थान सीट पर अपनी दावेदारी ठोक दी।
पटना,आनलाइन डेस्क। बिहार में दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीख के एलान के साथ ही महागठबंधन में बयानबाजी का दौर तेज हो गया है। तारापुर और कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट के लिए 30 अक्टूबर को चुनाव होने हैं। दोनों सीटों पर राष्ट्रीय जनता दल ने दावा किया है। लेकिन, कहा ये जा रहा है कि महागठबंधन के नेताओं की मीटिंग के बाद इसपर अंतिम फैसला होगा। इस बीच कांग्रेस ने इशारों ही इशारों में कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट पर दावा ठोक दिया है। बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा ने यह कहा है कि कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट कांग्रेस की है।
'किसी ने नहीं ठोका दावा'
तारापुर और कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट को लेकर आरजेडी और कांग्रेस में अंदर ही अंदर खींचतान जारी है।बुधवार को बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष ने कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट पर इशारों ही इशारों में अपनी दावेदारी ठोक दी। उन्होंने कहा कि यह सीट कांग्रेस की है। इसको लेकर किसी ने दावा नहीं ठोका है, किसका बयान आया है? कोई अपनी राय रख सकता है। पिछले चुनाव में कुशेश्वरस्थान से कांग्रेस और तारापुर से आरजेडी ने अपना कैंडिडेट उतारा था। मदन मोहन झा ने कहा कि किसी की राय हो सकती है लेकिन इसका फैसला दोनों पार्टियों के आलाकमान को ही करना है। दोनों सीटों पर महागठबंधन एकजुट होकर चुनाव लडे़गी। झा ने यह भी कहा कि अगर चिराग पासवान महागठबंधन का सपोर्ट करते हैं तो उनका स्वागत है।
'कन्हैया के आने से होगा फायदा'
बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा कहा कि कन्हैया कुमार के कांग्रेस में शामिल होने से पार्टी को फायदा मिलेगा। वे जेएनयू के छात्र नेता रहे हैं। पूरे देश के लोग उनको जानते हैं। कन्हैया कुमार को बिहार में जगह दी जाएगी या फिर वो केन्द्र के स्तर पर कांग्रेस को मजबूत करेंगे। इसका फैसला आलाकमान को करना है। गौरतलब है कि आरजेडी विधायक भाई बीरेन्द्र ने यह बयान दिया था कि वो कन्हैया कुमार को नहीं जानते हैं। इस पर मदन मोहन झा ने कहा कि बुहत से लोग मेरी पार्टी के अंदर हैं जिनको हम नहीं जानते हैं। भाई बीरेन्द्र की शायद कन्हैया से मुलाकात नहीं हुई होगी इसलिए वो नहीं जानते हैं।