Bihar Politics: जीतनराम मांझी के नाम में 'राक्षस' क्‍यों नहीं, BJP MLA हरिभूषण बचौल ने पूछा ये तल्‍ख सवाल

Bihar Politics बिहार की राजनीति में भगवान राम के नाम पर बवाल मच गया है। जीतन राम मांझी के बयान पर भाजपा के नेताओं में काफी गुस्‍सा है। भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने तो उन्‍हें बेहद कड़ी बात कह दी है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 10:54 AM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 10:54 AM (IST)
Bihar Politics: जीतनराम मांझी के नाम में 'राक्षस' क्‍यों नहीं, BJP MLA हरिभूषण बचौल ने पूछा ये तल्‍ख सवाल
बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री जीतन राम मांझी। फाइल फोटो

पटना, आनलाइन डेस्‍क। Bihar Politics: भगवान श्रीराम के अस्तित्‍व पर सवाल उठाकर बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री जीतन राम मांझी सरकार में अपने सहयोगी दल भाजपा के निशाने पर आ गए हैं। एक के बाद एक कई भाजपा नेता मांझी के बयान पर आपत्ति जाहिर कर चुके हैं। मांझी ने मंगलवार को कहा था कि राम को वे वास्‍तविक रूप से कोई महापुरुष नहीं मानते हैं, उनकी कहानी प्रेरक जरूर है। मांझी ने कहा था कि राम की कहानी पढ़ाई जा सकती है, लेकिन सच में राम थे, इसे वे नहीं मानते। इसके बाद भाजपा के विधायक हरिभूषण ठाकुर ने कड़ी आपत्ति जताई है। बचौल ने कहा कि मांझी अगर राम को नहीं मानते तो वे बताएं कि उनके माता-पिता ने उनका नाम जीतनराम की बजाय जीतन राक्षस क्‍यों नहीं रखा?

मांझी को भाजपा विधायक ने दी नसीहत

भाजपा विधायक बचौल ने कहा कि मांझी को अपने बयान के लिए खेद जताना चाहिए। ऐसा बयान देने पहले मांझी को उन लोगों को हश्र देख लेना चाहिए जिन्‍होंने राम के अस्तित्‍व को नकारा था। ऐसे लोग जब खुद हर जगह से नकार दिए गए तो अब अयोध्‍या और मंदिरों की दौड़ लगा रहे हैं। जिन्‍होंने राम के अस्तित्‍व पर सवाल खड़े किए, खुद उनके ही अस्तित्‍व पर सवाल खड़े हो गए। उन्‍होंने कहा कि जो भी लोग राम को नकार रहे हैं, उन्‍हें सद्बुद्ध‍ि जरूर आएगी।

भाजपा के बड़े नेता बयान देने से बच रहे

इस मामले पर भाजपा के बड़े नेता बयान देने से बच रहे हैं, लेकिन राजद और कांग्रेस के नेता मुखर हैं। विपक्षी दल इस बयान के बाद मांझी के साथ ही भाजपा से भी सवाल पूछ रहे हैं। राजद ने कहा है कि भाजपा को यह स्‍पष्‍ट करना चाहिए कि उनकी पार्टी जीतनराम मांझी और राम दोनों में से किसके साथ है। राम को लेकर बिहार की राजनीति में बयानबाजी का दौर तब शुरू हुआ जब भाजपा के कुछ नेताओं ने भगवान की जीवनी को स्‍कूलों में पढ़ाने की मांग उठानी शुरू की।

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