Bihar: लोजपा के ये 77 नेता तय करेंगे चिराग-पारस का भविष्य! राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी में भारी है इस नेता का पलड़ा

Bihar Politics रामविलास ने 2014 में चिराग को केंद्रीय संसदीय बोर्ड के चेयरमैन बनाकर 30 जून 2015 को चुनाव आयोग को सौंपी थी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सूची दोनों गुटों का दावा 2019 में भी आयोग की दी गई थी दूसरी सूची

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 10:00 AM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 10:00 AM (IST)
Bihar: लोजपा के ये 77 नेता तय करेंगे चिराग-पारस का भविष्य! राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी में भारी है इस नेता का पलड़ा
लोजपा के जमुई सांसद चिराग पासवान। फाइल फोटो

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Politics: लोजपा पर दावेदारी में राष्ट्रीय कार्यकारिणी के 77 सदस्यों की मर्जी पर ही चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस का भविष्य निर्भर है। दोनों ओर से अधिकतम सदस्यों के समर्थन का दावा किया जा रहा है। समर्थन जुटाने की जोर आजमाइश भी चल रही है। रविवार को दिल्‍ली स्थित अपने आवास पर चिराग पासवान ने इन्‍हीं कार्यकारिणी सदस्‍यों की बैठक बुलाई है। हालांकि पशुपति कुमार पारस के मुताबिक यह बैठक वैध नहीं है। उन्‍होंने पहले ही कार्यकारिणी को भंग कर नए सिरे से इसे गठित कर दिया है।

2014 में ही संसदीय बोर्ड का चेयरमैन बने थे चिराग

हालांकि लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान ने 2014 में ही चिराग पासवान को पार्टी के केंद्रीय संसदीय बोर्ड का चेयरमैन बनाकर पार्टी में उनका कद मजबूत कर दिया था। तब रामविलास के निर्देश पर तत्कालीन महासचिव अब्दुल खालिक ने 30 जून 2015 को राष्ट्रीय कार्यकारिणी के 77 सदस्यों की सूची चुनाव आयोग को सौंपी थी। उनमें से कई अब लोजपा के साथ नहीं हैं और कुछ लोगों का निधन भी हो गया है। हालांकि दोनों गुटों का दावा है कि 2019 में भी चुनाव आयोग को कार्यकारिणी की सूची दी गई। चिराग गुट के राजू तिवारी के मुताबिक मौजूदा सूची में भी 77 सदस्य हैं, जिनमें अधिसंख्य चिराग के साथ हैं।

लोजपा के संविधान के मुताबिक राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी में ये पद

लोजपा संविधान के मुताबिक राष्ट्रीय कार्यकारिणी में राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष के अलावा पार्टी में तीन उपाध्यक्ष, 14 महासचिव एवं 13 सचिव का पद था। इसके अलावा लोजपा के युवा प्रकोष्ठ, महिला, अल्पसंख्यक, किसान, विधि, श्रमिक, खेल एवं संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष कार्यकारिणी के सदस्य होते हैं। केंद्रशासित प्रदेशों समेत सभी राज्यों के अध्यक्षों को भी कार्यकारिणी में बतौर सदस्य भागीदारी होती है। उत्तर प्रदेश से चार, महाराष्ट्र एवं तमिलनाडू से 2-2 अध्यक्ष को सदस्य बनाया गया था।

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