Bihar Police Daroga Bharti: बिहार दारोगा भर्ती परीक्षा में फर्जी अभ्यर्थी के बाद मिला फर्जी ट्रेनर
बिहार में दारोगा भर्ती परीक्षा में एक से बढ़कर एक फर्जीवाड़े के मामले पकड़े जा रहे हैं। बिहार पुलिस अधीनस्थ सेवा आयोग (Bihar Police Sub-ordinates Service Commission) के तहत हो रही भर्ती परीक्षा के जरिये ढाई हजार पदों पर बहाली होनी है।
पटना/फुलवारीशरीफ, जागरण टीम। Bihar SI Recruitment Physical Test: बिहार में दारोगा भर्ती के लिए शारीरिक परीक्षा में फर्जीवाड़े के कई मामले पकड़े जा रहे हैं। पिछले दिनों एक महिला अभ्यर्थी को फर्जीवाड़ा करने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया तो शनिवार को यहां एक फर्जी पुलिस प्रशिक्षक भी गिरफ्तार किया गया। हैरत की बात यह है कि यह शख्स गर्दनीबाग स्थित दारोगा भर्ती परिसर में बेधड़क आवाजाही कर रहा था। इसी दौरान इसे पकड़ा भी गया। चर्चा है कि खुद को पुलिस ट्रेनर बताने वाला यह शख्स बिहार पुलिस का ही जवान है, हालांकि पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है। गर्दनीबाग थानाध्यक्ष अरुण कुमार ने कहा कि फिलहाल पूरे मामले की जांच की जा रही है। इस भर्ती परीक्षा का आयोजन बिहार पुलिस अधीनस्थ सेवा आयोग यानी बीपीएसएससी (Bihar Police Sub-ordinates Service Commission) की ओर से किया जा रहा है। इस परीक्षा के आधार पर 2446 पदों पर बहाली की जाएगी।
जेल भेजी गई दारोगा भर्ती परीक्षा में गिरफ्तार महिला अभ्यर्थी
दारोगा भर्ती की शारीरिक परीक्षा 15 मार्च से ही चल रही है। इस दौरान पकड़ी गई एक महिला अभ्यर्थी को पुलिस ने शनिवार को जेल भेज दिया है। थानाध्यक्ष अरुण कुमार ने वरीय पदाधिकारी के निर्देश पर दारोगा कुंती कुमारी को मुख्य सरगना के बारे में पूछताछ कर उस तक पहुंचने को कहा है। महिला दारोगा ने अभ्यर्थी से मुख्य सरगना और सेटर के बारे में जानकारी लेने का प्रयास किया, लेकिन महिला अभ्यर्थी ने मुंह नहीं खोला।
मुख्य सरगना तक पहुंचने की कोशिश कर रही पुलिस
थानाध्यक्ष ने कहा, मुख्य सरगना तक पहुंचने के लिए पुलिस प्रयास कर रही है। अब जिनके विरुद्ध बहाली में फर्जीवाड़े को लेकर मामला दर्ज है, उन्हें नोटिस जारी कर बुलाया जा रहा है। उनके अंगूठे के निशान का सैंपल लेकर जांच के लिए एफएसएल को भेजा जाएगा। रिपोर्ट आने के बाद आरोप पत्र जारी किया जाएगा।
भर्ती आयोग के कार्यालय से फर्जी प्रशिक्षक गिरफ्तार
गर्दनीबाग स्थित दारोगा भर्ती आयोग पटना हाई स्कूल परिसर में आयोग के अधिकारियों ने एक फर्जी शारीरिक प्रशिक्षक को गिरफ्तार कर पुलिस के हवाले कर दिया। शनिवार को आरोपित बांका निवासी मोनू रंजन दारोगा भर्ती आयोग पहुंचा और मुख्य गेट से जबरन भीतर घुसने का प्रयास कर रहा था। गेट पर तैनात जवानों ने रोका तब वह उन पर रौब झाड़ने लगा। इसकी जानकारी आयोग के अधिकारियों को दी गई। इसके बाद पता चला कि वह कोई प्रशिक्षक नहीं है।
भर्ती आयोग के अधिकारी ने दर्ज कराया है मामला
भर्ती आयोग के अधिकारी ने मोनू रंजन के खिलाफ गर्दनीबाग थाना में सरकारी कार्य में बाधा डालने एवं कोविड के तय नियम का पालन नहीं करने की प्राथमिकी दर्ज कराते हुए उससे गर्दनीबाग थाना पुलिस के हवाले कर दिया है। चर्चा है कि मोनू बिहार पुलिस का जवान है। हालांकि गर्दनीबाग थानाध्यक्ष अरुण कुमार ने बताया कि जांच की जा रही है अभी यह पता नहीं चल सका है कि वह बिहार पुलिस का जवान है।