Bihar Panchayat Chunav 2021: बिहार पंचायत चुनाव का रास्ता साफ, ईवीएम विवाद सुलझाने को दोनों आयोग सहमत

Bihar Panchayat Chunav 2021 राज्य और केंद्रीय निर्वाचन आयोग के बीच नई दिल्ली की बैठक में पिछले दो महीने से चले आ रहे विवाद पर विराम लग गया है। आज बैठक के बाद कभी भी पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 09:53 PM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 05:33 PM (IST)
Bihar Panchayat Chunav 2021: बिहार पंचायत चुनाव का रास्ता साफ, ईवीएम विवाद सुलझाने को दोनों आयोग सहमत
दोनों आयोगों ने तय किया कि विवाद को अदालत के बाहर ही सुलझाएंगे, सांकेतिक तस्‍वीर।

पटना, राज्य ब्यूरो। राज्य में पंचायत चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। ईवीएम मॉडल को लेकर राज्य एवं केंद्रीय निर्वाचन आयोग के बीच पिछले दो महीने से जारी विवाद पर विराम लग गया है। दिल्ली में बुधवार को उच्चस्तरीय बैठक के दौरान दोनों आयोगों ने तय किया कि विवाद को अदालत के बाहर ही सुलझाया जाएगा। इसके लिए गुरुवार को दोनों आयोगों के बीच एक और बैठक होगी, जिसमें तय हो जाएगा कि ईवीएम के किस मॉडल से पंचायत चुनाव कराया जाएगा। इसके बाद कभी भी चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है। वैसे सूचना है कि अबतक अपनी जिद पर अड़े राज्य निर्वाचन आयोग बैकफुट पर आ गया है और वह मॉड्यूल टू से चुनाव कराने के लिए सहमत हो गया है।

मकसद पंचायत चुनाव कराना है

राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से नई दिल्ली की बैठक में भाग लेने के लिए गए आयोग के सचिव योगेंद्र राम ने बताया कि बैठक सकारात्मक रही। बुधवार को निर्णायक बैठक हुई, जिसमें तय हो गया कि अदालत के बाहर ही मामले को सुलझाया जाएगा। गुरुवार को हम फिर बैठेंगे, जिसमें यह तय हो जाएगा कि ईवीएम का कौन सा मॉडल ज्यादा बेहतर है। इस दौरान केंद्रीय आयोग के साथ राज्य निर्वाचन आयोग के सारे मुद्दों पर विमर्श होगा। हमारा मकसद पंचायत चुनाव कराना है।

पटना हाई कोर्ट ने सख्‍त फैसला की चेतावनी दी थी

बिहार में पंचायत चुनाव में मल्टीपोस्ट ईवीएम के मॉडल के लिए केंद्रीय निर्वाचन आयोग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने की अनिवार्यता के खिलाफ राज्य निर्वाचन आयोग ने 19 फरवरी को पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। अदालत ने उक्त याचिका पर 23 फरवरी को सुनवाई करते हुए दोनों आयोगों को आपसी सहमति के आधार पर मामला सुलझा लेने की नसीहत दी थी। हिदायत में अदालत ने यह भी कहा था कि दोनों में अगर सहमति नहीं बनी तो सख्त फैसला दिया जाएगा। तभी से पंचायत चुनाव अदालती चक्कर में फंसा हुआ था। सुनवाई और फैसले की तिथि अब तक नौ बार टल चुकी है।

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