Bihar Panchayat chunav 2021: प्रवासी बहू नहीं कर सकेंगी आरक्षित सीटों पर नामांकन पर्चा दाखिल

Bihar Panchayat chunav 2021 जिन प्रवासी बहुओं ने आरक्षित सीट से जाति प्रमाणपत्र लगाकर पर्चा दाखिल किया है उनके चुनाव लड़ने पर प्रश्नचिह्न लग गया है। अनुमंडलाधिकारी धीरेंद्र मिश्रा ने साफ कर दिया कि अन्य राज्यों से जारी किये गए जाति प्रमाण पत्र मान्य नहीं होंगे।

By Rahul KumarEdited By: Publish:Fri, 10 Sep 2021 05:42 PM (IST) Updated:Fri, 10 Sep 2021 05:42 PM (IST)
Bihar Panchayat chunav 2021: प्रवासी बहू नहीं कर सकेंगी आरक्षित सीटों पर नामांकन पर्चा दाखिल
प्रवासी बहू नहीं कर सकेंगी आरक्षित सीटों पर नामांकन पर्चा दाखिल। सांकेतिक तस्वीर

जागरण संवाददाता, राजपुर (बक्सर) । प्रखंड के सभी 19 पंचायतों में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर नामांकन की प्रक्रिया चल रही है। जिसके लिए आयोग के निर्देश के आलोक में आरक्षित पद पर नामांकन करने वाली महिला अभ्यर्थियों को अपने मायके का ही जाति प्रमाण पत्र देना है। जिस आधार पर नामांकन करने वाले उत्तर प्रदेश के अधिकतर महिलाओं ने अपने मायके के जाति प्रमाण पत्र के साथ आवेदन को संलग्न कर जमा कर दिया है। इधर, शुक्रवार को प्रखंड मुख्यालय में बैठक करने पहुंचे अनुमंडलाधिकारी धीरेंद्र मिश्रा ने साफ कर दिया कि अन्य राज्यों से जारी किये गए जाति प्रमाण पत्र मान्य नहीं होंगे।

यूपी का जाति प्रमाणपत्र नहीं होगा मान्य

ऐसे में जिन प्रवासी बहुओं ने आरक्षित सीट से जाति प्रमाणपत्र लगाकर पर्चा दाखिल किया है, उनके चुनाव लड़ने पर प्रश्नचिह्न लग गया है। जिले में दूसरे चरण में राजपुर से हुए नामांकन के तहत चुनावी प्रक्रिया अब समाप्ति की ओर है। पूर्व में निर्वाचन नियमावली के तहत नामांकन आवेदन जमा कर दिया। इधर इस तरह के एक बार फिर निर्देश से प्रत्याशियों के बीच संशय की स्थिति बन गइ है। दरअसल, बक्सर सीमावर्ती जिला है और यहां बड़ी संख्या में वैवाहिक रिश्ते बिहार और यूपी के परिवारों के बीच होते हैं। जो महिला आरक्षित सीट से चुनाव लड़ना चाहती हैं , उन्हें अपने मायके के पते से निर्गत जाति प्रमाणपत्र आवेदन के साथ लगाना है। ऐये में यूपी की बेटी जो यहां ब्याही गई हैं, उनके आरक्षित सीट से चुनाव लड़ने में पेंच है। कोटीवार आरक्षण राज्य की सूची में आता है और यहां दूसरे प्रदेश से निर्गत प्रमाणपत्र मान्य नहीं होते हैं। 

 कांग्रेस ने जताया विरोध

कांग्रेस नेता कामेश्वर पांडेय ने कहा कि राजपुर प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में उत्तर प्रदेश या अन्य राज्यों के अधिकतर महिला शादीशुदा है। जो विगत कई वर्षों से बिहार राज्य की निवासी बनकर रह रही है। इससे पहले होने वाले कई पंचायत चुनाव में इसका कोई जिक्र नहीं था। कई लोग चुनाव लड़े और प्रतिनिधि भी बने। यह पहली बार ऐसा हो रहा है की उत्तर प्रदेश राज्य के तरफ से जारी किए गए जाति प्रमाण पत्र मान्य नहीं किया जा रहा है। यह सबसे बड़ा सवाल है। यह जनता का अधिकार है कि वह लोकतांत्रिक व्यवस्था में चुनाव लड़ सकता है। फिर भी चुनाव से वंचित करने की प्रक्रिया गलत है। इस पर आयोग को स्पष्ट निर्देशित करते हुए रेखांकित करें।

 बूथ का किया गया निरीक्षण 

बैठक के बाद ग्रामीणों की शिकायत पर रौनी में प्राथमिक विद्यालय पर बनाया गये बूथ का उन्होंने निरीक्षण किया। जहां गांव के ग्रामीणों की शिकायत थी कि यहां बनाए गए बूथ का भवन जर्जर है। ऐसे में उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि इसी भवन में ही चुनाव को संपन्न कराया जाएगा। इस बैठक में प्रखंड विकास पदाधिकारी सह बीडीओ इंदुवाला सिंह, इटाढ़ी बीडीओ अमर कुमार , सीओ रजनीकांत के अलावा कई अन्य लोग मौजूद थे। 

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