हम ना हमार ऊ चुनाव लड़ तारी, अबकी चेहरा के लाली बचा लिहीं... पंचायत चुनाव के लिए बिहार में इस अंदाज में मांगे जा रहे वोट

Bihar Panchayat Chunav 2021 बिहार में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया अब परवान चढ़ने लगी है। पहले चरण का मतदान संपन्‍न होने के बाद दूसरे और इसके आगे के चरणों में मतदान वाली पंचायतों में प्रत्‍याशी वोट मांगने के लिए पूरा जोर लगाए हुए हैं।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 09:52 AM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 09:52 AM (IST)
हम ना हमार ऊ चुनाव लड़ तारी, अबकी चेहरा के लाली बचा लिहीं... पंचायत चुनाव के लिए बिहार में इस अंदाज में मांगे जा रहे वोट
बिहार में पंचायत चुनाव की कवायद जारी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जागरण टीम। Bihar Panchayat Chunav 2021: हम ना हमार ऊ चुनाव लड़तारी... बाकी हैंडिल हमही करब... हमार मुंह देखिके वोट देबे के बा... अबकी संयोग जुट गईल बा, पंचायत के तस्वीर बदल जाई...। कुछ इस अंदाज में मतदाताओं को लुभाने के लिए प्रत्याशियों एवं इनके परिजनों द्वारा प्रयास जारी है। पंचायत चुनाव में महिला आरक्षित सीटों पर प्रत्‍याशी के पक्ष में उनके पति भोजपुरी, मगही, अंगिका और मैथिली जैसी स्‍थानीय भाषाओं में इसी तरह अपनी बात मतदाताओं तक पहुंचा रहे हैं। पंचायत चुनाव में सरकार द्वारा महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण देकर चौखट की दहलीज से बाहर निकालने की कोशिश की गई है लेकिन नामांकन और शक्ति प्रदर्शन के दौरान हुजूम के साथ पति देव एवं परिजनों के नाम से जमकर हुई नारेबाजी ने स्पष्ट कर दिया कि सरकार चाहे लाख कोशिश करें लेकिन आज भी महिला अभ्यर्थी अपने स्वजनों पर ही आश्रित हैं।

पंचायत चुनाव के कमाऊ पदों पर है सबकी नजर

पिछली बार से ही आरक्षण प्रणाली में हुए बदलाव के बाद निवर्तमान प्रतिनिधि और दावेदार पंचायत के कमाऊ पदों पर बने रहने के लिए हाथ पांव मार रहे हैं। महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों पर निवर्तमान प्रतिनिधि अपनी मां, पत्नी, पतोहु, भवह एवं भौजाई पर दांव खेल रहे हैं। यही नहीं सीटें आरक्षित होने के बाद कई लोग दूसरे प्रखंड के पंचायतों में भी जाकर किस्मत आजमाने की तैयारी में हैं। पहले चरण का चुनाव संपन्‍न हो जाने के बाद अब दूसरे से 11वें चरण के पंचायत चुनाव के लिए अभ्यर्थियों के द्वारा वोट बैंक सुरक्षित करने की कोशिशें जारी है।

कभी चौखट से बाहर नहीं निकलने वाली महिलाएं हाथ जोड़कर घूम रहीं

मुखिया, सरपंच और बीडीसी पद के लिए महिला प्रत्याशियों की स्थिति देखते बनती है। कभी चौखट से बाहर नहीं निकलने वाली महिलाएं नामांकन के दौरान हाथ जोड़े पूरे गांव में घूमती दिख रही हैं। इन महिला अभ्यर्थियों के परिजन उन्हें सांत्वना दे रहे है कि कुछ दिन के मेहनत बा.. राजा बने के बा... झिझक ना होखे के चाही... एकरा बाद त हम बड़ले बानी...। फिलहाल पंचायत चुनाव में जीत हासिल करने के लिए हर दांव पर दावेदारों की कोशिश जारी है।

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