भूमि सर्वेक्षण में बिहार के नौ जिलों की सुस्ती बरकरार, पांच मानकों में शून्य अंक किया हासिल

सरकार की प्राथमिकता वाले भूमि सर्वेक्षण अभियान में नौ जिले बेहद सुस्त रफ्तार से चल रहे हैं। बाकी 11 जिलों की रफ्तार कभी धीमी तो कभी तेज होती रहती है। लेकिन लगातार पिछड़ने वाले जिलों में खास सुधार नहीं हो रहा है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 06:50 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 06:50 PM (IST)
भूमि सर्वेक्षण में बिहार के नौ जिलों की सुस्ती बरकरार, पांच मानकों में शून्य अंक किया हासिल
भूमि सर्वेक्षण अभियान में नौ जिले बेहद सुस्त रफ्तार से चल रहे हैं।

राज्य ब्यूरो, पटना: सरकार की प्राथमिकता वाले भूमि सर्वेक्षण अभियान में नौ जिले बेहद सुस्त रफ्तार से चल रहे हैं। बाकी 11 जिलों की रफ्तार कभी धीमी तो कभी तेज होती रहती है। लेकिन, लगातार पिछड़ने वाले जिलों में खास सुधार नहीं हो रहा है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की मासिक समीक्षा में नौ जिलों की उपलब्धियों वाले खाना का बड़ा हिस्सा लाल रंग से भरा रहता है। 

कोरोना के कारण मार्च से सभी जिलों के सर्वेक्षण कार्य में सुस्ती आई है। फिर भी सुपौल, पश्चिम चंपारण और बेगूसराय जिलों की उपलब्धि शानदार रही है। उधर अररिया, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्णिया और खगड़िया जैसे जिले काम की रफ्तार बढ़ाने के लिए तैयार नहीं हैं। राजस्व विभाग कई मानकों पर सर्वेक्षण का मासिक मूल्यांकन करता है। जून के तीसरे सप्ताह तक के कार्यों का नौ मानकों पर मूल्यांकन किया गया तो नौ जिले पांच मानकों में शून्य पर लटक गए। सीमा का सत्यापन, किश्तवार, खानापुरी, नक्शों की आपूर्ति और साफ्टवेयर में फार्म 6 की इंट्री में नौ जिलों की उपलब्धियां शून्य दर्ज की गई। ये जिले हैं। ये जिले हैं-कटिहार, अरवल, जहानाबाद, किशनगंज, अररिया, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्णिया और खगड़िया।  नौ मानकों के लिए सौ अंक निर्धारित हैं। इन जिलों को जिन कार्यों के लिए शून्य अंक मिला है, उसके लिए 55 अंक निर्धारित हैं। हालांकि अन्य चार मानक-मासिक बैठक, सरकारी जमीन का सूचीकरण, सॉफ्टवेयर में फार्म पांच की इंट्री और त्रिमुहान की स्थापना में इन जिलों ने कुछ काम किया। इन कार्यों के लिए 45 अंक हैं।

खगड़िया की हालत सबसे खराब

जून में सबसे खराब काम करने वाले पांच अमीनों की जो सूची बनी है, उसमें सभी खगड़िया जिले के हैं। बेहतर काम करने वाले सभी पांच अमीन सुपौल जिले के हैं। सहायक बंदोबस्त पदाधिकारियों के टॉप पांच में से दो-दो सुपौल तथा बेगूसराय और एक शेखपुरा के हैं। खराब काम करने वाले पांच सहायक बंदोबस्त पदाधिकारियों में दो-दो खगडिय़ा तथा अरवल और एक शिवहर के हैं। 

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