बिहारः घर में ताला लगा परिवार गया घूमने, लौटा तो निजी जमीन पर चमचमा रही थी सड़क

ग्राम विकास से संबंधित सरकारी योजनाओं में गाइडलाइन के विपरीत कार्य कराने को लेकर एजेंसियां जहां पहले से ही बदनाम हैं वहीं बक्सर के सिमरी थाना के काजीपुर पंचायत में एक और नया अध्याय और जुड़ गया है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 03:53 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 03:53 PM (IST)
बिहारः घर में ताला लगा परिवार गया घूमने, लौटा तो निजी जमीन पर चमचमा रही थी सड़क
निजी जमीन पर बनाई दी गई सड़क। जागरण।

जागरण संवाददाता, बक्सर: आप भी सावधान हो जाएं। बिहार के बक्सर में निजी जमीन पर रोड बनाने का मामला सामने आया है। ग्राम विकास से संबंधित सरकारी योजनाओं में गाइडलाइन के विपरीत कार्य कराने को लेकर एजेंसियां जहां पहले से ही बदनाम हैं, वहीं बक्सर के सिमरी थाना के काजीपुर पंचायत में एक और नया अध्याय और जुड़ गया है। इसमें संवेदक द्वारा बगैर अनुमति लिए ही एक व्यक्ति की निजी जमीन पर सड़क बना दी गई है। इस बीच भूस्वामी द्वारा मामला लोक अदालत में ले जाने के बाद कार्य एजेंसी से लेकर संबंधित सरकारी विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। इसकी जद में मुखिया, पंचायत सचिव एवं कनीय अभियंता समेत कई लोगों के आने की संभावना है।

घर लौटे तो देखा अपनी जमीन 'सबकी' हो गई

यह मामला काजीपुर के मुखिया, पंचायत सचिव एवं कनीय अभियंता द्वारा 14वीं वित्त की राशि से निजी जमीन में भूस्वामी से सहमति लिए बगैर पीसीसी सड़क निर्माण कार्य कराए जाने से संबंधित है। अनुमंडलीय सरकारी डिग्री कॉलेज नौहट्टा रोहतास में प्राचार्य के पद पर कार्यरत काजीपुर गांव निवासी भूस्वामी डॉ. संजय कुमार त्रिपाठी का कहना है कि नौकरी के कारण उनके बाहर रहने का लाभ उठाते हुए सबकी मिलीभगत से यह मनमानी की गई है। उन्होंने बताया कि काजीपुर हल्का के मौजा चकनी थाना नंबर 111, खाता संख्या 121, खेसरा संख्या 273 तथा रकवा 68 डिसमिल मेरी पैतृक जमीन है, और इसका कागजात भी उनके पास मौजूद है। उक्त भूखंड के कुछ हिस्से में पंचायत के मुखिया सचिव एवं कनीय अभियंता द्वारा अवैध रूप से उस वक्त पीसीसी सड़क निर्माण करा दिया गया जब उनके घर के सभी लोग बाहर गए थे। मकर संक्रांति के अवसर पर 14 जनवरी को सपरिवार जब घर आए तब उन्होंने देखा कि उनकी निजी जमीन में पीसीसी सड़क निर्माण कराया गया है।

अधिकारियों की अनदेखी

आवेदक की निजी जमीन में सड़क बना दिए जाने की जानकारी होते ही उन्होंने अंचलाधिकारी एवं जिला पदाधिकारी को इसकी लिखित शिकायत देकर मामले की तत्काल जांच करने, निजी जमीन से पीसीसी सड़क हटवाने तथा दोषी लोगों के विरुद्ध यथोचित कार्रवाई करने का आग्रह किया था। इस शिकायत पर वरीय प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिया गया। अंततः उन्हें इस मामले को अनुमंडलीय लोक शिकायत में दर्ज कराना पड़ा। 

लोक शिकायत में जाते ही एजेंसी की बढ़ी बेचैनी

अधिकारियों द्वारा मामले की अनदेखी किए जाने के बाद इधर अनुमंडलीय लोक शिकायत में इस मामले के पहुंचते ही कार्य एजेंसी में बेचैनी बढ़ गई है। चूंकि निजी जमीन में भूस्वामी की सहमति या फिर अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी किए बगैर किसी भी तरह का सरकारी निर्माण कार्य कराना विभागीय नियम के विपरीत है। मगर पीसीसी सड़क निर्माण कार्य एजेंसी द्वारा इसकी अनदेखी की गई। 

पूर्व में भी हुए हैं मामले

हालांकि इस पंचायत के लिए इस तरह की घटनाओं का होना कोई नई बात नहीं है। पूर्व में भी इस तरह के कई मामले सामने आए, जिसके कारण पूर्व मुखिया को विभाग द्वारा पदच्युत करना पड़ा था। हालांकि इस नए मामले से एक बार फिर जिले का काजीपुर पंचायत सुर्खियों में है।

घटना की चल रही जांच

अंचलाधिकारी सिमरी अनिल कुमार ने कहा कि सिमरी अंचलाधिकारी अनिल कुमार ने मामले की पुष्टि करते बताया कि इस संबंध में लिखित आवेदन मिलने के बाद घटना की जांच चल ही रही थी कि मामला अनुमंडलीय लोक शिकायत में चला गया है। जैसा भी आदेश होगा उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

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