Bihar News; क्‍या इस साल भी नहीं लगेगा हरिहरक्षेत्र का विश्‍वप्रसिद्ध सोनपुर मेला, विरासत को संभालने को मुखर हुए लोग

Bihar News बिहार व भारत ही नहीं बल्कि विश्‍व प्रसिद्ध हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेला इस साल आयोजित होगा या नहीं इसे लेकर अनिश्‍चितता बनी हुई है। इसे देखते हुए स्‍थानीय लोगों ने मेला लगाने की मांग को लेकर धरना दिया।

By Amit AlokEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 05:46 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 05:46 PM (IST)
Bihar News; क्‍या इस साल भी नहीं लगेगा हरिहरक्षेत्र का विश्‍वप्रसिद्ध सोनपुर मेला, विरासत को संभालने को मुखर हुए लोग
बिहार के हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेला की फाइल तस्‍वीर।

वैशाली, जागरण संवाददाता। एशिया प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला हमारे पुरखों की विरासत है। धरोहर को बचाने की जद्दोजहद और सरकारी उदासीनता के बीच यह दूसरा वर्ष है, जब मेला लगने व नहीं लगने को लेकर अभी तक कोई स्पष्ट निर्णय नहीं हो सका है। गत वर्ष के बाद इस साल भी मेला नहीं लगने की आशंका को लेकर एक तरफ जहां लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है, वहीं व्यवस्था संभाल रहे लोगों में मेला लगाए जाने को लेकर कोई सुगबुगाहट नहीं है। इस मुद्दे को लेकर बुधवार को सोनपुर प्रखंड कार्यालय पर धरना का आयोजन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण व पक्ष-विपक्ष के स्थानीय नेता शामिल हुए। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि सरकार मेला को लेकर कोरोनावायरस संक्रमण का बहाना बना रही है। जबकि, स्कूल-कालेज, सिनेमा हाल, माल एवं शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के हाट-बाजार खोले जा चुके हैं। बिहार में अब पंचायत चुनाव भी करवाया जा रहा है। जब सब कुछ पर से रोक हटा ली गई है, तब सोनपुर मेले पर ही रोक क्यों?

मेला से जुड़ी हजारों लोगों की आजीविका

वैशाली के सोनपुर प्रखंड में आयोजित धरना को संबोधित करते हुए लोगों ने कहा कि इस कृषि प्रधान मेला से हजारों लोगों की आजीविका जुड़ी है। इससे रिक्शा, टमटम, आटो से लेकर फुटपाथ पर हस्तनिर्मित सामानों को बेचने वालो से लेकर देश के बड़े-बड़े कारोबारी तक जुड़े रहे हैं। यह मेला केवल अर्थ और व्यापार का केंद्र हीं नहीं, बल्कि धर्म और आस्था का महाकुंभ भी है। कार्तिक पूर्णिमा की तिथि को ही यहां लगभग 12 से 15 लाख लोग बाबा हरिहरनाथ का जलाभिषेक करने पहुंचते हैं। संपूर्ण मेले की अवधि के दौरान तकरीबन 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं का आगमन होता है। मेले में लगभग चार अरब रुपये का कारोबार होता है। देश-विदेश की विभिन्न संस्कृतियों का यह मिलन स्थल भी है।

मेले में देश-विदेश से घूमने आते हैं पर्यटक

इस मेले में न केवल भारत के कोने कोने से, बल्कि जापान, इंडोनेशिया, यूके स्विट्जरलैंड, कनाडा, डेनमार्क तथा अमेरिका आदि देशों से भी पर्यटक मेला घूमने आते हैं।

सरकार से वार्ता करें सासंद व विधायक

धरना के बीच वक्ताओं ने सारण जिले तथा वैशाली के विधायकों एवं सांसदों से भी अपील की कि वे मेला लगाए जाने के लिए सरकार से वार्ता करें। मालूम हो कि हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेले में सरकार के विभिन्न विभागों की प्रदर्शनी लगती है। इनके माध्यम से जन-जन तक सरकार की चल रही कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी पहुंचाई जाती है। मेला नहीं लगने के कारण जनहितकारी योजनाओं की जानकारी से भी लोग वंचित हैं। कृषि के क्षेत्र में क्या-क्या वैज्ञानिक विकास हुए यह भी किसान जान पाने से महरूम है। सोनपुर मेले का कृषि प्रदर्शनी कृषि क्षेत्र में विकास  की जानकारी का सशक्त माध्यम है।

धरना सभा की अध्यक्षता नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष विनोद सिंह सम्राट कर रहे थे। पहले से अध्यक्षता कर रहे मेला समिति के गैर सरकारी सदस्य राम विनोद सिंह की तबीयत खराब होने से उन्‍होंने अध्यक्षता विनोद सिंह सम्राट को सौंप दी। संचालन आशुतोष कुमार रितेश कर रहे थे।

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