बिहारः देर रात काम पर लौटे जूनियर डॉक्टर, एनएमसीएच में की गई पुलिस की तैनाती

शुक्रवार की देर रात एनएमसीएच के चिकित्सक वापस काम पर लौट गए। कोविड अस्पताल एनएमसीएच में जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह और एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने लगभग तीन घंटों तक अस्पताल के प्राचार्य की बैठक की इसके बाद यह निर्णय लिया गया।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 10:44 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 10:44 PM (IST)
बिहारः देर रात काम पर लौटे जूनियर डॉक्टर, एनएमसीएच में की गई पुलिस की तैनाती
पटना स्थित एनएमसीएच के जूनियर डॉक्टर काम पर लौट आए हैं। प्रतीकात्मक तस्वीर।

जागरण संवाददाता, पटना सिटी : शुक्रवार की देर रात एनएमसीएच के चिकित्सक वापस काम पर लौट गए। कोविड अस्पताल एनएमसीएच में जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह और एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने लगभग तीन घंटों तक अस्पताल के प्राचार्य डॉ हीरालाल महतो, अधीक्षक डॉ विनोद कुमार सिंह, उपाधीक्षक डॉ. सरोज कुमार व जूनियर डॉक्टरों के साथ बैठक की। सुरक्षा, ऑक्सीजन समेत अन्य मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिए जाने के बाद कार्य बहिष्कार किए पीजी डॉक्टर अपने काम पर लौट आए। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ रामचंद्र कुमार ने सभी डॉक्टरों के काम पर लौट आने की घोषणा की है। 

20 पुलिसकर्मी की अस्पताल में रहेगी तैनाती

एसएसपी ने 12-12 घंटे की दो पाली में 20-20 पुलिसकर्मी की तैनाती अस्पताल में कर दी है। उन्होंने रिस्पांस टीम के पुलिसकर्मियों को भी गश्त लगाने के लिए कहा। साथ ही पटना सिटी एसपी को सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखने का निर्देश दिया। वहीं जिलाधिकारी ने अस्पताल में तैनात निजी सुरक्षा कर्मी की संख्या 50 और बढ़ाकर 200 कर लेने की बात अधीक्षक से कही। उन्होंने आश्वस्त किया कि अब ऑक्सीजन का भंडारण अस्पताल में सुनिश्चित किया जाएगा। अस्पताल में मरीजों और उनके परिवार वालों की आवाजाही के लिए सुरक्षा के दृष्टिकोण से बैरिकेडिंग कराई जाएगी। शनिवार की शाम तक एनएमसीएच में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था कर दी जाएगी। डीएम ने अस्पताल में मैनपावर की कमी समेत अन्य मांगों पर विभाग के प्रधान सचिव से बातचीत करने की बात कही।

मरीज की मौत पर किया था हंगामा

बता दें कि एक दिन पहले एनएमसीएच स्थित मदर एंड चाइल्ड कोविड अस्पताल में गुरुवार की रात भर्ती बक्सर की एक महिला मरीज की मौत होने से गुस्साए स्वजनों ने जमकर हंगामा किया था। बवाल के दौरान आइसीयू में तोड़फोड़ भी की थी। मृतक के स्वजनों ने इलाज में लापरवाही करने का आरोप लगाया था। हंगामे के दौरान डॉक्टरों व कर्मियों ने कमरे में बंद होकर खुद को सुरक्षित किया था। जिसके बाद से चिकित्सक हड़ताल पर चले गए थे। 

chat bot
आपका साथी