नगालैंड के ईंट-भट्ठे पर बंधक बना है नालंदा का परिवार, जबरन रोककर की जा रही मारपीट

नगालैंड के दीमापुर स्थित तिरंगा ईंट-भट्ठे पर नालंदा जिले के एक मजदूर को सपरिवार बंधक बनाए जाने का मामला प्रकाश में आया है। इन लोगों के साथ मारपीट की गई है और बीते छह माह की मजदूरी भी नहीं दी जा रही है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 12:38 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 12:38 PM (IST)
नगालैंड के ईंट-भट्ठे पर बंधक बना है नालंदा का परिवार, जबरन रोककर की जा रही मारपीट
नगालैंड में बिहार के एक परिवार को बंधक बनाकर रखा गया है। प्रतीकात्मक तस्वीर।

जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ: नगालैंड के दीमापुर स्थित तिरंगा ईंट-भट्ठे पर नालंदा जिले के एक मजदूर को सपरिवार बंधक बनाए जाने का मामला प्रकाश में आया है। इन लोगों के साथ मारपीट की गई है और बीते छह माह की मजदूरी भी नहीं दी जा रही है। अस्थावां थाना क्षेत्र के जियर टोला बेलदरिया गांव के निवासी मजदूर के पिता रामविलास चौहान ने डीएम को आवेदन देकर यह जानकारी दी है और उनसे अपने पुत्र को सपरिवार मुक्त कराने की पहल करने की गुहार लगाई है।

बताया कि उन्हीं के गांव बेलदरिया और वैशाली जिले के दलाल ने मिलकर नालंदा जिले के विभिन्न गांवों के 25-30 लोगों को बीते साल दीपावली के बाद मजदूरी के लिए नगालैंड के ईंट-भट्ठे पर भेजा था। अन्य लोगों को तो छोड़ दिया गया परंतु उनके पुत्र ओमप्रकाश चौहान, बहू सोनी देवी, पोती नेहा कुमारी, पोता नीतीश कुमार, पड़ोसन मंजू देवी, उसके पति सरमेरा के मोतीबीघा निवासी रामजतन चौहान एवं खुशबू देवी को जबरन बंधक बना लिया गया है। वे सभी नगालैंड के दीमापुर स्थित तिरंगा ईंट-भट्ठे पर मजदूरी करने गए थे।

शिकायतकर्ता रामविलास चौहान ने बताया कि इन सभी को उनके गांव बेलदरिया के ही मंगल चौहान के बेटे वाल्मिकी चौहान और वैशाली जिले के भूपेन्द्र सिंह ईंट-भट्ठे पर काम दिलाने के लिए बीते साल दीपावली के बाद ले गए थे। लगभग छह माह काम करने के बाद अन्य लोगों को छोड़ दिया गया परन्तु मेरे पुत्र समेत अन्य लोगों को भूपेन्द्र सिंह एवं इसका साला दीपक सिंह जबरन रोके हुए है। मारपीट भी की गई है। इतना ही नहीं मजदूरी के रुपये भी नहीं दे रहे हैं।

दीमापुर शासन से जांच का करेंगे आग्रह

डीएम योगेन्द्र सिंह ने कहा कि नालंदा के मजदूरों को बंधक बनाए जाने की शिकायत मिली है। दीमापुर शासन से सम्पर्क कर जांच का आग्रह किया जाएगा। फंसे हुए लोगों को हर हाल में मुक्त करवाकर सुरक्षित घर लाया जाएगा। मजदूरों को नगालैंड भेजने वाले बिचौलियों की भी जांच की जाएगी। उनके पास इस कार्य के लिए श्रम विभाग का लाइसेंस है या नहीं।

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