Bihar MBBS Result: एमबीबीएस में फेल छात्रों को पांच अंक त‍क मिलेगा ग्रेस, बाकी को देनी होगी परीक्षा

Bihar MBBS Result आर्यभट्ट ज्ञान विश्‍वविद्यालय ने एमबीबीएस के फेल छात्रों के लिए लिया बड़ा फैसला प्रमोट करने की संभावना से किया इंकार 27 दिसंबर से परीक्षा लेने का किया एलान कुलपति ने कहा एनएमसी के नियमानुसार हो रही कार्रवाई

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Sun, 12 Sep 2021 07:37 AM (IST) Updated:Sun, 12 Sep 2021 07:37 AM (IST)
Bihar MBBS Result: एमबीबीएस में फेल छात्रों को पांच अंक त‍क मिलेगा ग्रेस, बाकी को देनी होगी परीक्षा
बिहार में एमबीबीएस के रिजल्‍ट को लेकर बड़ा फैसला। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। MBBS Exam and Result in Bihar: बिहार में एमबीबीएस कर रहे छात्र-छात्रा इस बार बड़ी संख्‍या में फेल हो गए हैं। आर्यभट्ट ज्ञान विश्‍वविद्यालय (एकेयू) की ओर से एमबीबीएस प्रथम वर्ष का परिणाम 30 अगस्त को जारी किया गया था। पीएमसीएच के 180 में से लगभग 25-30 छात्र फेल हो गए हैं। छात्रों का आरोप है कि जानबूझकर उन्हें फेल किया गया है। वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को सही बनाने के बाद भी उसमें शून्य अंक दिए गए हैं। दीर्घ व लघु उत्तरीय प्रश्नों के सही जवाब देने के बाद भी ठीक मार्क्‍स नहीं दिए गए हैं। कई छात्र ऐसे हैं, जिन्हें एक-दो अंकों से फेल कर दिया गया है। विवि ने ऐसे छात्रों को सकारात्‍मक आश्‍वासन दिया है। विवि ने फैसला लिया है कि पांच अंक तक से फेल छात्रों को पास कर दिया जाएगा।

27 दिसंबर से होगी परीक्षा, प्रमोट करने पर रोक

एकेयू के कुलपति प्रो. एसपी सिंह ने बताया कि पांच अंक तक ग्रेस देकर छात्रों को पास किया जाएगा। विवि की परीक्षा समिति की बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मेडिकल काउंसिल ने प्रमोट करने से रोक लगा रखी है। ऐसे में इन्हें एक वर्ष बैक नहीं होना पड़े, इसके लिए 27 सितंबर से इनकी परीक्षा तिथि भी घोषित कर दी गई है। परीक्षा का परिणाम भी जल्द घोषित कर दिया जाएगा।

शनिवार को पीएमसीएच में किया था प्रदर्शन

इससे पहले शनिवार को छात्रों ने प्राचार्य कार्यालय के गेट के सामने प्रदर्शन भी किया। प्राचार्य ने रजिस्ट्रार से बात कर एक-दो अंकों से पास होने वाले छात्रों को अविलंब पास करने की मांग की। एमबीबीएस प्रथम वर्ष के फेल छात्रों ने शनिवार की सुबह 9:30 बजे से ही पीएमसीएच की ओपीडी में ताला जड़ बंद करा दिया। इससे राज्य के कोने-कोने से आए मरीजों को बगैर इलाज के ही वापस लौटना पड़ा। बीच-बीच में प्राचार्य डा. विद्यापति चौधरी ने ओपीडी चालू कराने की कोशिश की, लेकिन, तीन-तीन बार ओपीडी पहुंचकर छात्रों ने सभी डाक्टरों को बाहर कर दिया।

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