Bihar Lockdown: पटना में जरूरतमंदों को पूड़ी-सब्जी और जलेबी के पैकेट मुफ्त दे रहा प्रशासन
गायघाट सामुदायिक रसोई में 1500 लोगों को मिली पूड़ी-सब्जी के साथ जिलेबी गायघाट रैन बसेरा से खाना जा रहा एनएमसीएच श्मशान घाट तथा बीस वार्डो में प्रतिदिन हो रहा फूड पैकेट का वितरण खाना तैयार करने और पैकिंग में लगे हैं दर्जनों कर्मी
पटना सिटी, जागरण संवाददाता। लॉकडाउन में जरूरतमंदों और राहगीरों को रहने और खाने के लिए जिला प्रशासन और नगर निगम की ओर से गायघाट में बेहतर इंतजाम किया गया है। व्यवस्थापकों ने बताया कि गायघाट पुल के नीचे बनाए रैन बसेरा में खाना खाने से पहले लोगों को अच्छी तरह से हाथ धुलाया जाता है। खाना खाने के दौरान भी लोग शारीरिक दूरी बनाए रहते हैं। रसोई में स्वच्छता, पौष्टिकता और गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए घर जैसा अच्छा भोजन तैयार किया जाता है।
छह लोग लगे हैं खाना तैयार करने में
नगर निगम अजीमाबाद अंचल के अंर्तगत गायघाट में वर्ष 2020 के 27 नवंबर को स्थापित 100 बेड वाले रैनबसेरा में अभी दो लोग रह रहे हैं। रविवार की सुबह से ही जरूरतमंदों के लिए खाना बनाने की तैयारी चल रही थी। राजू हलुवाई के नेतृत्व में पांच हेल्पर पूड़ी-सब्जी तथा जलेबी बनाने में जुटे दिखे। निगमकर्मी पिंकू कुमार के देखरेख में खाना बनाने और पैकिंग की तैयारी चल रही थी।
पैकिंग करने में लगी हैं 13 निगमकर्मी
नौ बजे से ही 1500 पैकेट में पूड़ी-आलू का भुजिया तथा जलेबी पैक करने में 13 निगमकर्मी महिला जुटी थी। 11 बजते ही 150 पैकेट में पुड़ी-सब्जी-जलेबी पैक कर निगमकर्मी एनएमसीएच के समीप स्थित रैनबसेरा में कोरोना संक्रमितों के इलाज कराने आए स्वजनों के पास पहुंचे। उन्हें पैकेट देने के बाद निगमकर्मी खाजेकलां स्थित श्मशान घाट में कार्यरत एक दर्जन निगमकर्मियों को भोजन का पैकेट उपलब्ध कराया।
अजीमाबाद अंचल में हर वार्ड में बंट रहा खाना
इधर अजीमाबाद तथा सिटी अंचल के 20 वार्डों में 60-60 जरूरतमंदों को भोजन का पैकेट पहुंचाने का काम किया गया। साथ ही निगम के दोनों अंचल के कर्मचारियों के लिए भी 150 पैकेट पहुंचाया गया। इसके बाद यहां भी काम करनेवाले कर्मियों ने पैकेट वाले भोजन किए। दिन के 11 बजे से जरूरतमंदों को टेबल-कुर्सी पर बिठाकर चावल, दाल व सब्जी खिलाने का काम प्रारंभ हुआ। शाम में नाश्ता का पैकेट एनएमसीएच भेजा गया।
प्रशासन की पहल से खुश हैं लोग
राजू हलुवाई ने बताया कि सवा क्विंटल आटा से पूड़ी, डेढ़ क्विटंल आलू से भुजिया, 20 किलो हरी सब्जी तथा 10 किलो दाल की खपत प्रतिदिन है। खाना खानेवाले जरूरतमंदों में राहगीर के अलावा झोपड़पट्टी में रहनेवाले लोग दिखे। खानेवाले लोग प्रशासन की अनूठी पहल की सराहना किए।