पटनाः आश्रय स्थल में मुफ्त में भोजन, किताब पढ़ने के साथ कैरम-लूडो खेलने की सुविधा

जिला प्रशासन और नगर निगम की ओर से पटना के विभिन्न इलाकों में बेहतर इंतजाम किया गया है। वार्ड 48 अंतर्गत सैदपुर नहर किनारे एनसीसी कार्यालय की दीवार से सटे आश्रय स्थल में 50 लोगों के रहने की व्यवस्था की गई है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 05:16 PM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 05:16 PM (IST)
पटनाः आश्रय स्थल में मुफ्त में भोजन, किताब पढ़ने के साथ कैरम-लूडो खेलने की सुविधा
पटना में बने आश्रय स्थल में खाना खाते लोग व खेलने के लिए रखा लूडो।

जागरण संवाददाता, पटना सिटी: लॉकडाउन में जरूरतमंदों और राहगीरों को रहने तथा खाने के लिए जिला प्रशासन और नगर निगम की ओर से पटना के विभिन्न इलाकों में बेहतर इंतजाम किया गया है वार्ड 48 अंतर्गत सैदपुर नहर किनारे एनसीसी कार्यालय की दीवार से सटे आश्रय स्थल में 50 लोगों के रहने की व्यवस्था की गई है। बुधवार को यहां लगी कई चौकियों के बिस्तर पर लोग आराम करते दिखे। दोपहर 1:30 बजे जैसे ही खाना खाने का समय हुआ हाथों को अच्छी तरह से धोकर आश्रय स्थल के लोग अपनी थाली और गिलास लिए पंगत में बैठ गए। उनकी खाली में स्थानीय पार्षद इंद्रजीत कुमार चंद्रवंशी, समाजसेवी बबलू कुमार, आशा दीदी शोभा देवी ने पौष्टिक और स्वादिष्ट खिचड़ी परोसा। लोग बड़े चाव से इसे खाने लगे। वहीं गायघाट रेन बसेरा में शुद्ध पीने के लिए आरो के पानी के सात लाइब्रेरी और कैरम-लूडो की भी सुविधा दी गई है। 

खाने के दौरान शारीरिक पर नजर

खाना खाने के दौरान सामने दीवार पर टंगी एलईडी टीवी पर कोरोना से बचाव एवं लॉकडाउन को लेकर जारी सरकारी दिशा निर्देश को लोग सुनते रहे। आश्रय स्थल के एक कक्ष में लगे चार सीसीटीवी कैमरो की मदद से इस पूरी व्यवस्था पर नजर रखी जा रही थी। खाने के दौरान भी लोग शारीरिक दूरी बनाए हुए थे। 

सुबह-शाम पैकेट में भोजन

स्थानीय पार्षद इंद्रदीप कुमार चंद्रवंशी ने बताया कि गुरुवार से इस आश्रय स्थल पर आने वाले सभी जरूरतमंदों एवं राहगीरों को व्यवस्थित ढंग से सुबह-शाम पैकेट में भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि आसपास की झुग्गी झोपड़ी हो में रहने वाले लोग तथा लॉज में रहने वाले कुछ विद्यार्थी भी यहां आकर भोजन करते हैं। 500 से अधिक लोगों के खाने की व्यवस्था कल से की जाएगी। आशा दीदी शोभा देवी ने बताया कि रसोई में स्वच्छता, पौष्टिकता और गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए घर से भी अच्छा भोजन तैयार किया जाता है। लॉकडाउन में फंसे दूसरे शहरों के लोग, मेहनत मजदूरी करने वाले लोगों के अलावा कई जरूरतमंद लोग आश्रय स्थल में रहते और यहां तैयार भोजन खाते हैं। लॉकडाउन से पहले इस आश्रय स्थल में रहने और खाने के लिए ₹30 प्रति व्यक्ति भुगतान लिया जाता था। अब यह सेवा बिल्कुल मुफ्त है।

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