Bihar Lockdown Guidelines: बिहार में लॉकडाउन के दौरान मिली थोड़ी राहत, इन्हें भी दी गई छूट
लॉकडाउन के दौरान थोड़ी राहत मिली है। बिहार सरकार ने लॉकडाउन के दौरान निजी व सरकारी पशु चिकित्सालय व क्लिनिक खोलने का आदेश दिया है। इसी तरह पशु पैथोलॉजिकल लैब को भी प्रतिबंध से मुक्त रखा गया है।
राज्य ब्यूरो, पटना : सरकार ने लॉकडाउन के दौरान निजी व सरकारी पशु चिकित्सालय व क्लिनिक खोलने का आदेश दिया है। इसी तरह पशु पैथोलॉजिकल लैब को भी प्रतिबंध से मुक्त रखा गया है। वहीं, मछली, मुर्गा, मांस और अंडा की बिक्री लॉकडाउन को लेकर दी गई छूट संबंधित समय सीमा में होगी। पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी ने बताया कि शुक्रवार को इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान पशुओं से जुड़ी गतिविधियों पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है। पशुओं की दवा की दुकान, कृत्रिम गर्भाधान केंद्र भी खुले रहेंगे। पशु चिकित्साधिकारी एवं पशु सेवा से जुड़े अन्य कर्मचारी आदि को राज्य के अंदर और दूसरे राज्य में आने-जाने पर कोई रोक नहीं होगी। पालतु पशुओं और पक्षियों की जरूरत के सामान (उपकरण सामग्री) की आपूॢत भी जारी रहेगी। संबंधित दुकानें भी खुली रहेंगी। पशुओं के चारा से जुड़े वाहनों पर भी रोक नहीं होगी।
लगातार मिल रही थीं शिकायतें
दरअसल, पशुओं के लिए चारा, मांस और मछली की दुकान, पशुओं के आवागमन आदि में दिक्कत हो रही थी। सरकार को लगातार इससे संबंधित शिकायतें मिल रही थीं। ऐसे में जनहित में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सचिव डॉ. एन सरवण कुमार ने विभाग के तहत होने वाली गतिविधियों को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी कर सभी डीएम एसएसपी को जमीनी स्तर पर अमल कराने के निर्देश दिए हैं।
शहर में स्थानीय श्रमिकों से कराना होगा पशु फार्म पर काम
पशु चारा की दुकानें स्थानीय प्रशासन द्वारा तय समय सीमा में खुली रहेंगी। पॉल्ट्री और मछलियों के चारा-दाना तथा उसमें लगने वाले क'चे माल की ढुलाई जारी रहेगा। गोशाला सहित पशु शेल्टर होम का संचालन एवं चारा परिवहन में छूट रहेगी। मुर्गी, अंडा, मांस एवं मछली की दुकानें गृह विभाग के 13 मई को जारी आदेश में तहत निर्धारित समय के अनुसार खुली रहेंगी।
मांस और मछली के सेवन से कोरोना वायरस नहीं फैलता
सरकार ने दो टूक कहा है कि मुर्गी, अंडा, मांस और मछली के सेवन से कोरोना वायरस नहीं फैलता है। इस कारण इनसे जुड़े वाहनों का आवागमन पर रोक नहीं है। हैचरी में उत्पादित चूजों और अंडों का राज्य के अंदर और दूसरे राज्य में लाना-ले जाना जारी रहेगा। अंडों की बिक्री के उपयोग में आने वाले कैरेट बॉक्स आदि के निर्माण के लिए क'चे सामग्री की ढुलाई पर भी छूट दी गई है। नगर क्षेत्रों में निर्माण स्थल पर उपलब्ध स्थानीय श्रमिकों से ही पशुधन फार्म का निर्माण कराया जाएगा। ऐसे श्रमिकों के आवागमन में छूट है, लेकिन कोरोना से बचाव के लिए निर्धारित दूरी का अनुपालन कराना होगा।