बिहार में फायर ब्रांड महिलाओं के हाथों में शराबबंदी का उल्लंघन करने वालों की कुंडली बनाने का जिम्मा

शराब की बुरी लत छोड़ने के लिए लोग माता-पिता और बच्चे-बीवी का कहा नहीं सुनते। अब दीदी ऐसे लोगों से शराब की लत छुड़वाएगी। जिला प्रशासन ने शराबबंदी का उल्लंघन करने वालों की लत छुड़ाने के लिए फायर ब्रांड महिला अधिकारियों के नेतृत्व दस्ता तैयार करने की योजना बनाई है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 03:40 PM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 03:40 PM (IST)
बिहार में फायर ब्रांड महिलाओं के हाथों में शराबबंदी का उल्लंघन करने वालों की कुंडली बनाने का जिम्मा
बिहार में शराबबंदी के खिलाफ सरकार की मुहिम। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जितेंद्र कुमार। शराब की बुरी लत छोड़ने के लिए लोग माता-पिता और बच्चे-बीवी का कहा नहीं सुनते। अब 'दीदी' ऐसे लोगों से शराब की लत छुड़वाएगी। जिला प्रशासन ने शराबबंदी का उल्लंघन करने वालों की लत छुड़ाने के लिए फायर ब्रांड महिला अधिकारियों के नेतृत्व दस्ता तैयार करने की योजना बनाई है। गांव में चौका तक खुफियागिरी का नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। ठोस इनपुट के आधार पर पुलिस साक्ष्य आधारित कार्रवाई करेगी। ग्रामीण इलाकों में जीविका के माध्यम से महिलाएं रोजगार और बैंकिंग से जुड़ कर सबल हो रही हैं। जननी और बाल सुरक्षा योजना आशा कार्यकर्ताओं के बूते संभव हो रही है। शराब से सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को होती है। इसी को आधार बनाकर आधी आबादी को इस कानून के पक्ष में सकारात्मक कार्रवाई के लिए तैयार किया जा रहा है।

जिले में बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, महिला पर्यवेक्षक, हर गांव में आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, जीविका दीदी, आशा और टोला सेवक के नेटवर्क से इनपुट आसानी से मिलेगा। इनपुट के आधार पर बुरी लत के शिकार को इलाज और मनोवैज्ञानिक तरीके से मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा। शराब निर्माण, बिक्री, परिवहन और पिलाने का अपराध छोड़ना चाहेंगे उनके लिए रोजगार का प्रबंध किया जाएगा। जो कानून तोडऩे में लगे रहेंगे उनके खिलाफ पुलिस साक्ष्य आधारित कार्रवाई करेगी।

सीडीपीओ हरेक सप्ताह अपनी परियोजना क्षेत्र की समेकित रिपोर्ट तैयार कर जिलाधिकारी को देंगी। जिला स्तर पर अलग-अलग प्रकृति के मामले में संबंधित विभाग और पदाधिकारी को कार्रवाई का जिम्मा दिया जाएगा। इसकी मासिक प्रगति का मूल्यांकन होगा। चिकित्सकीय मामला सिविल सर्जन के अधीन होगा। रोजगार के लिए उप-विकास आयुक्त और कानूनी कार्रवाई एसएसपी के माध्यम से की जाएगी।  

पटना के जिलाधिकारी डा. चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि महिलाओं को सबसे ज्यादा पीड़ा शराब पीने वाले पहुंचाते हैं। दैनिक कमाई का बड़ा हिस्सा और सेहत दोनों बर्बाद होते हैं। नुकसान बीबी-बच्चों को उठाना पड़ता है। लत से छुटकारे के लिए नशा मुक्ति केंद्र में नर्स दीदी उपचार और काउंसलिंग करेंगी। नियमानुसार रोजगार के लिए मदद की जाएगी, जो मुख्यधारा से नहीं जुड़कर अपराध करते रहेंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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