और लोगों तक जाएगी बिहार विधानसभा में हुए बवाल की आंच, स्‍पीकर ने कहा- पूरी तरह से होगा न्‍याय

Bihar Politics बिहार विधानसभा में पुलिस विधेयक पर चर्चा के दौरान 23 मार्च को हुए अभूतपूर्व हंगामे की आंच और लोगों तक भी जा सकती है। इस मामले में कुछ सिपाहियों पर कार्रवाई की गई थी लेकिन विपक्ष इससे संतुष्‍ट नहीं है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 08:15 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 08:15 AM (IST)
और लोगों तक जाएगी बिहार विधानसभा में हुए बवाल की आंच, स्‍पीकर ने कहा- पूरी तरह से होगा न्‍याय
बिहार विधानसभा में हुए हंगामे की फाइल फोटो

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Politics: बिहार विधानसभा में पुलिस विधेयक पर चर्चा के दौरान 23 मार्च को हुए अभूतपूर्व हंगामे की आंच और लोगों तक भी जा सकती है। इस मामले में कुछ सिपाहियों पर कार्रवाई की गई थी, लेकिन विपक्ष इससे संतुष्‍ट नहीं है। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने मंगलवार को कहा कि इस वर्ष विधानसभा में बजट सत्र के दौरान 23 मार्च को जो घटना हुई उससे काला धब्बा चेहरे पर लग गया। विधानसभा की आचार समिति उक्त मामले की जांच कर रही है। जांच रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी जाएगी। दूसरी जांच अधिकारियों की एक कमेटी कर रही है। इस प्रकरण में पूरी तरह से न्याय होगा।

तेजस्‍वी यादव सदन में लाना चाहते थे प्रस्‍ताव

मंगलवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इस बारे में एक प्रस्ताव लाना चाहते थे। विधानसभा अध्यक्ष ने प्रस्ताव की मंजूरी तो नहीं दी पर इस विषय पर उन्हें अपनी बात रखने का समय जरूर दिया। इसी चर्चा के क्रम में विधानसभा अध्यक्ष ने पूरे प्रकरण पर अपनी बात कही।

विधानसभा में 23 मार्च के हंगामे की जांच रिपोर्ट पटल पर रखी जाएगी विधानसभा की आचार समिति कर रही जांच सदन के बाहर हुई घटना की जांच अधिकारियों की कमेटी कर रही

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, उस घटना से सबक लें तो भविष्य सुखद होगा

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह आत्मचिंतन का विषय है। कभी-कभी ऐसी घटनाएं हो जाती हैं, जो हमें कोसती रहती हैं। अब हम पश्चाताप का स्पंदन महसूस कर रहे हैं। यह सुखद है। 23 मार्च को जो हुआ वह उत्तेजना की पराकाष्ठा थी। चीजें हाथ से निकल गई थीं। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि अगर आप आसन का अपमान करेंगे तो अराजक स्थिति हो जाएगी। मैंने अपने संसदीय जीवन में उस तरह की घटना नहीं देखी। वैसे अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है। सचेत रहिए। विरोध मर्यादित तरीके से हो, यह संसदीय परंपरा के अनुकूल है।

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