बिहार में जमीन के मामलों की आनलाइन होगी सुनवाई, डीसीएलआर कोर्ट की हुई शुरुआत

राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने रविवार को डीसीएलआर कोर्ट का वर्चुअल मोड में उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था में अब कोई भी रैयत बिना डीसीएलआर कोर्ट गए जान जाएगा कि म्यूटेशन से जुड़े उसके मामले की क्या स्थिति है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 03:31 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 03:31 PM (IST)
बिहार में जमीन के मामलों की आनलाइन होगी सुनवाई, डीसीएलआर कोर्ट की हुई शुरुआत
बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री राम सूरत राय। जागरण आर्काइव।

राज्य ब्यूरो, पटना: राज्य में डीसीएलआर कोर्ट आनलाइन हो गया है। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने रविवार को वर्चुअल मोड में इसका उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था में अब कोई भी रैयत बिना डीसीएलआर कोर्ट गए जान जाएगा कि म्यूटेशन से जुड़े उसके मामले की क्या स्थिति है। रैयत को सुनवाई,  गवाहों की मौजूदगी एवं डीसीएलआर के अंतिम आदेश जानकारी आनलाइन मिल जाएगी। अंतिम आदेश भूमि सुधार विभाग के वेबसाइट पर भी उपलब्ध रहेगा। 

मंत्री ने कहा कि विभाग अपनी सेवाओं को और अधिक पारदर्शी, समयबद्ध और जनोपयोगी बनाने की लगातार कोशिश कर रहा है। म्यूटेशन की पूरी प्रक्रिया आनलाइन हो गई है।इसमें शामिल सभी कर्मियों की जिम्मेदारी और निबटारे का समय तय है। आनलाइन सिस्टम में डीसीएलआर और सजग होकर काम करेंगे। जल्द ही विभाग कई अन्य जनोपयोगी सेवाओं की शुरूआत करने वाला है। विभाग के अपर मुख्य सचिव  विवेक कुमार सिंह ने बताया कि डीसीएलआर को भी अंचलाधिकारियों की तरह तय समय में विवादों का निबटारा करना होगा। 

रैयत कैसे करेंगे आवेदन

विभाग के आईटी मैनेजर आनंद शंकर ने बताया कि इस इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए आवेदक को म्यूटेशन मामले में अपने केस नंबर और अंचल अधिकारी के आदेश की छाया-प्रति के साथ डीसीएलआर कार्यालय जाकर आवेदन देना होगा। कंप्यूटर आपरेटर आवेदन की आनलाइन इंट्री करने के साथ ही आवेदक को पावती रसीद देंगे। उसपर आटो जेनरेटेड केस नंबर दर्ज रहेगा। इसीके आधार पर आवेदक को आवेदन की नवीनतम स्थिति के बारे में घर बैठे जानकारी मिल जाएगी। आवेदन की इंट्री होते ही संबंधित केस की जानकारी अंचल से स्थानांतरित होकर डीसीएलआर आफिस में चली जाएगी। एनआईसी के तकनीकी निदेशक संजय कुमार ने बताया कि जल्द ही अंचल और डीसीएलआर कार्यालय को आनलाइन जोड़ दिया जाएगा। तब दोनों आफ़िस को एक दूसरे के फैसलों के बारे में अलग से जानकारी देने की जरुरत नहीं रहेगी।

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