युवती को ढूंढ़ता रह गया बिहार, केरल में मिली प्रेगनेंट; अब घर का पता भी भूली, बस एक बात है याद

बिहार की युवती से केरल में दुष्कर्म किया गया। अब वह आठ महीने की प्रेगनेंट है। युवती मैथिली भाषा बोल रही है। उसने अपना नाम लिलमो कुमारी बताया है। घर का पता नहीं बता पा रही है। -

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 10:47 AM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 10:47 AM (IST)
युवती को ढूंढ़ता रह गया बिहार, केरल में मिली प्रेगनेंट; अब घर का पता भी भूली, बस एक बात है याद
बिहार की युवती के साथ केरल में दुष्कर्म। प्रतीकात्मक तस्वीर।

जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ : केरल के विधिक सेवा प्राधिकार ने नालंदा जिला विधिक सेवा प्राधिकार को पत्र लिखकर बिहार की एक मंदबुद्धि युवती के भटकते हुए मिलने की सूचना देकर उसके स्वजनों को ढूंढने या पुनर्वास में मदद करने का आग्रह किया है। बताया कि वह आठ सप्ताह की गर्भवती भी है। केरल पुलिस को आशंका है कि उसके साथ दुष्कर्म हुआ है। इसे लेकर केरल के कझाकोटम थाना में पुलिस ने भादस की धारा 376 (2) के तहत केस दर्ज किया है। युवती आठ मई को वहां के मनोचिकित्सा केंद्र ले जाई गई। हालत ठीक नहीं देख उसे तिरुवंतपुरम के मेंटल हेल्थ केयर सेंटर में इलाज के लिए भर्ती किया गया है। वहां के डॉक्टरों का कहना है कि गर्भावस्था के 56 दिन बाद गर्भपात कराने में खतरा है। इस कारण उसे स्वस्थ्य रखते हुए बच्चे का प्रसव कराना बड़ी चुनौती है। युवती मैथिली भाषा बोल रही है। उसने अपना नाम लिलमो कुमारी बताया है। घर का पता नहीं बता पा रही है।      

विक्षिप्त या मंदबुद्धि लोगों के पुनर्वास कार्यक्रम के तहत केरल से प्राप्त पत्र पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार सचिव सह पंचम एडीजे प्रभाकर झा ने तत्काल सहयोग की पहल की है। उन्होंने जिला सूचना जनसंपर्क प्राधिकारी व एसपी से आग्रह किया है कि शीघ्र सूचना तंत्रों में युवती की फोटो का प्रसार करें और कोई फीडबैक मिले तो प्राधिकार को सौंपें। 

केरल ने राज्य विधिक प्राधिकार से मांगा है सहयोग

बता दें कि तिरुअंतपुरम जिला विधिक प्राधिकार के पैनल एडवोकेट संध्या जे ने युवती के संबंध में रिपोर्ट सौंपी थी। इस रिपोर्ट को प्राधिकार सचिव जुविया ए ने युवती को परिवार तक पहुंचाने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निवेदन सहित केरल राज्य विधिक प्राधिकार सचिव को पत्र भेजा था। जिसके बाद वहां से बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार को सूचना निर्गत कर युवती का घर-पता ढूंढने व पुनर्वास के लिए सहयोग मांगा गया। 

प्राधिकार की पहल से दोबारा संवरी थी पुष्पलता की जिंदगी 

याद दिला दें कि बीते मई माह में ही जिले के थरथरी थाना क्षेत्र के अस्ता खरजमा गांव निवासी पुष्पलता कुमारी जिला विधिक प्राधिकार के सहयोग से अलीगढ़ जेल से रिहा होकर घर लौटी थी। वह भी खराब मानसिक स्थिति में गर्भवती हालत में अलीगढ़ में पकड़ी गई थी। उस पर वहां बच्चा चोरी के प्रयास का आरोप लगा था। इस कारण अलीगढ़ जेल में 28 जुलाई 2019 से बंद थी। गिरफ्तारी के समय वह आठ माह की गर्भवती थी। उसने एक पुत्र को जन्म दिया था। नवजात को उसकी मानसिक असमर्थता के चलते आगरा शिशु सदन में रखा गया था। इधर, मेंटल हेल्थ केयर अस्पताल में पुष्पलता का इलाज चला। जिससे वह स्वस्थ्य हो गई। अलीगढ़ प्राधिकार की अनुशंसा पर जिला प्राधिकार के तत्कालीन सचिव आदित्य पांडेय के प्रयास से बीते मई में पुष्पलता को अलीगढ़ ने उसके पिता व पति से मिलाया गया था। फिर दो दिन बाद बाद वह पुत्र समेत अपने घर लौट गई थी। 

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