बिहारः देश की बेहतरी लिए जज ने दोषी को दिया मौका, अब राइफल उठा दुश्मनों को देगा जवाब

बिहार के नालंदा निवासी एक युवक को जज ने दोषमुक्त कर भविष्य संवारने का मौका दिया है। लड़का ने 14 साल की उम्र में पड़ोसी के साथ मारपीट करने के मामले में आरोपित था। अब वह देश की रक्षा के लिए राइफल उठाएगा।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 03:28 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 03:28 PM (IST)
बिहारः देश की बेहतरी लिए जज ने दोषी को दिया मौका, अब राइफल उठा दुश्मनों को देगा जवाब
नालंदा में जज ने एकबार फिर दोषी को सुधारने का मौका दिया है। प्रतीकात्मक तस्वीर।

जागरण टीम, बिहारशरीफ। किशोर न्याय परिषद के प्रधान जज मानवेंद्र मिश्रा ने अस्थावां थाना क्षेत्र के एक युवक को दोषमुक्त कर भविष्य संवारने का मौका दिया है। लड़का ने 14 साल की उम्र में पड़ोसी के साथ मारपीट करने के मामले में आरोपित था। चापाकल पर पानी भरने के विवाद में उसने पिता का साथ दे पड़ोसी से मारपीट की थी। अब उसका चयन एसएसबी के लिए अंतिम रूप से हो गया है। अब वह मातृ भूमि की सेवा करना चाहता है। देश की रक्षा के लिए राइफल उठाना चाहता है। जेजेबी के समक्ष आरोपी ने गुहार लगाई कि उस एक घटना के अलावा मेरे ऊपर और किसी तरह का आरोप नहीं लगा है। मैं निर्दोष हूं। यदि मुझे इस आरोप से मुक्त नहीं किया गया और पुलिस द्वारा चरित्र सत्यापन के दौरान उस मुकदमे के आरोप का जिक्र कर दिया जाता है तो मेरी नियुक्ति में बाधा पड़ सकती है। 

पानी भरने के दौरान हुआ था विवाद

मामला 12 साल पुराना था। अस्थावां पुलिस थाना क्षेत्र के एक गॉव में चापाकल (हैंडपंप) पर पानी भरने के विवाद में पड़ोसी के साथ मारपीट करने के आरोप में अनुसंधान कर्ता ने आरोपी किशोर के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया था। उसके बाद एसीजीएम ने उस मामले से आरोपी किशोर नाम अलग करते हुए सुनवाई के लिये जेजेबी को मामला स्थानांतरित कर दिया। किशोर न्याय परिषद (जेजेबी) ने सुनवाई के दौरान पाया कि उस एक घटना के बाद और किसी भी तरह के आपराधिक घटना में उक्त किशोर की संलिप्तता कभी नहीं रही। परिषद ने माना कि पिता या अन्य स्वजन को झगड़ते देख बीच-बचाव करने या पक्ष लेने के लिए बच्चे अज्ञानतावश उसमें स्वभाविक तौर पर शामिल हो जाते हैं।

अज्ञानता वश किये गए अपराध के दोष से मुक्त किया

न्याय परिषद ने फैसले में लिखा कि वादी एवं प्रतिवादी के पक्ष को सुनने के बाद किशोरावस्था में अज्ञानता वश किये गए अपराध के दोष से मुक्त किया जाता है। जज श्री मिश्रा ने इस फैसले की एक प्रति एसपी को भेजवाया है। एसपी को निर्देश दिया गया है कि उक्त युवक के चरित्र सत्यापन के दौरान पूर्व में हुए मुकदमे का जिक्र नहीं किया जाय।

युवक को दिया था दारोगा बनने का अवसर

बाल अपराधियों को दोष मुक्त कर सुधरने और अपना करियर बनाने के मौका देने के फैसले का यह दूसरा केस है। बीते सप्ताह बुधवार को भी मानवेंद्र मिश्रा ने सिम कार्ड, चार्जर, रिचार्ज कूपन आदि चोरी के आरोप से मुक्त करते हुए हिलसा थाना क्षेत्र के एक युवक को दारोगा बनने का अवसर दिया है।

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