बिहारः चौकीदार-दफादर की सेवा अवधि में निधन पर उनके आश्रित को अनुकंपा पर नौकरी
सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में यह स्पष्ट किया कि चौकीदार व दफादर की अगर सेवा अवधि में मौत हो जाती है तो उनके एक आश्रित को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दिए जाने का प्राविधान पूर्व से है। विधानसभा में नीतीश मिश्रा ने इस आशय का ध्यानाकर्षण लाया था।
राज्य ब्यूरो, पटना: सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में यह स्पष्ट किया कि चौकीदार व दफादर की अगर सेवा अवधि में मौत हो जाती है तो उनके एक आश्रित को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दिए जाने का प्राविधान पूर्व से है। विधानसभा में नीतीश मिश्रा ने इस आशय का ध्यानाकर्षण लाया था। प्रभारी गृह मंत्री बिजेंद्र यादव नेे कहा कि उन्होंने आज ही सभी लंबित मामलों को निष्पादित किए जाने का निर्देश दिया है।
चौकीदार-दफादार को चतुर्थवर्गीय कर्मी के तौर पर मान्यता
बिजेंद्र यादव ने कहा कि जनवरी 1990 के प्रभाव से चौकीदार-दफादार को चतुर्थवर्गीय कर्मी के तौर पर मान्यता दी गई है। सेवा अवधि में उनके निधन पर अनुकंपा के आधार पर नौकरी का प्राविधान किया गया है। इसके अतिरिक्त अगर कोई चौकीदार या दफादार अपनी सेवानिवृत्ति के एक माह पूर्व स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले लेता है तो उसकी जगह पर उसके एक पुत्र को वह नौैकरी मिल जाएगी।
समय सीमा के अंदर नियुक्ति किए जाने को ले समुचित प्रावधान
नीतीश मिश्रा ने अपने ध्यानाकर्षण में कहा कि ऐसा देखा गया है कि चौकीदार-दफादार के आश्रितों के अनुकंपा के आधार पर नौकरी वाले आवेदन साल दर साल लंबित रहते हैं। प्रत्येक जिले में इस तरह की प्रवृत्ति दिखती है। समय पर अनुकंपा आधारित नियुक्ति नहीं होने से गांव असुरक्षित सा लगता है। सरकार द्वारा इनकी नियुक्ति समय सीमा के अंदर किए जाने को ले समुचित प्रावधान करना आवश्यक है।
अभियान चलाकर लंबित आवेदनों का निष्पादन करा दिया जाए
यह कहा गया कि बहुत से मामले इस प्रकृति के भी हैं जो छोटे-छोटे कारणों से रद हो जाते हैं। इसे देखा जाए। एक अभियान चलाकर लंबित आवेदनों का निष्पादन करा दिया जाए। लेकिन अब यह स्पष्ट किया कि चौकीदार व दफादर की अगर सेवा अवधि में मौत हो जाती है तो उनके एक आश्रित को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दिए जाने का प्राविधान पूर्व से है।