शराबियों और शराब तस्‍करों के कारण बिहार की जेलें ओवरलोड, सरकार अब नई व्‍यवस्‍था बनाने में जुटी

बिहार की जेलें पहले से ही हाउसफुल थीं। इस पर शराब से हुई मौत और नए दिशा-निर्देश के बाद बढ़ी सख्ती ने कैदियों की संख्या रिकार्ड स्तर पर पहुंचा दी है। दिसंबर की पहली तारीख तक जेलों में इस साल का रिकार्ड बन गया है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 07:54 AM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 07:54 AM (IST)
शराबियों और शराब तस्‍करों के कारण बिहार की जेलें ओवरलोड, सरकार अब नई व्‍यवस्‍था बनाने में जुटी
बिहार की जेलों में ठूंस-ठूंस कर भरे जा रहे कैदी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

कुमार रजत, पटना। बिहार की जेलें पहले से ही हाउसफुल थीं। इस पर शराब से हुई मौत और नए दिशा-निर्देश के बाद बढ़ी सख्ती ने कैदियों की संख्या रिकार्ड स्तर पर पहुंचा दी है। गृह विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर की पहली तारीख तक राज्य की 59 जेलों में 68,526 कैदी बंद हैं, जो इस साल बंदियों की सर्वाधिक संख्या है। इससे पहले सितंबर में कैदियों की संख्या 65,106 तक गई थी। इसके बाद जमानत पर सुनवाई शुरू होने से कैदियों की संख्या अगले ही माह अक्टूबर में घटकर 63,476 तक आ गई थी। मगर नवंबर में मद्य निषेध और पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद पांच हजार से भी अधिक कैदियों की संख्या बढ़ी जिससे संख्या 68 हजार को भी पार कर गई है। राज्य की 59 जेलों की कुल क्षमता 46,669 है। इस तरह जेलों में तय क्षमता से 22 हजार अधिक कैदी हैं। इसमें 44,572 पुरुष कैदियों की क्षमता के विरुद्ध 65,475 पुरुष जबकि 2097 महिला कैदियों की क्षमता के विरुद्ध 3051 महिला बंदी हैं।

शराबबंदी पर बढ़ी सख्ती तो कैदियों का टूटा रिकार्ड 68,526 कैदी हैं अभी राज्य की 59 जेलों में बंद 22 हजार से अधिक कैदी हैं जेलों की तय क्षमता से 05 हजार से अधिक कैदी बढ़े सिर्फ नवंबर माह में

सिर्फ एक सप्ताह में 2200 से अधिक भेजे गए जेल

शराबबंदी को लेकर पिछले एक सप्ताह में की गई कार्रवाई में राज्य भर में 2200 से अधिक लोग जेल भेजे गए हैं। इसमें 1997 को पुलिस ने जबकि 223 को उत्पाद विभाग ने जेल भेजा है। सबसे अधिक 215 लोगों को पटना, 163 को मुजफ्फरपुर जबकि 101 को वैशाली में जेल भेजा गया है।

बेउर जेल में सबसे अधिक 5578 कैदी 

पटना, मुजफ्फरपुर और वैशाली जिलों में अधिक गिरफ्तारी का यहां की जेलों में भी साफ असर दिख रहा है। पटना के आदर्श केंद्रीय कारा बेउर में 2360 की क्षमता के विरुद्ध सर्वाधिक 5578 कैदी हैं। मुजफ्फरपुर केंद्रीय कारा में 2135 की क्षमता के विरुद्ध 4626 जबकि हाजीपुर जिला जेल में 1141 कैदियों के विरुद्ध 2593 कैदी बंद हैं। तीनों ही जेल में क्षमता से दोगुने से भी अधिक कैदी हैं।

जेलों में कैदियों की संख्या

महीना     कुल कैदी अप्रैल      56,424 मई         62,365 जून         60,744 जुलाई      61,362 अगस्त      62,823 सितंबर     65,106 अक्टूबर    63,476 नवंबर      68,526

एक-एक हजार क्षमता की नौ जेलों का हो रहा निर्माण

जेलों में कैदियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए गृह विभाग एक-एक हजार क्षमता की नौ नई जेलों का निर्माण कर रहा है। कारा निर्माण के लिए जमीन चिन्हित करने का निर्देश डीएम को दिया गया है। नई जेलों का निर्माण वहीं हो रहा है, जहां हाईकोर्ट के निर्देश पर न्यायालय की स्थापना संभावित है। इसमें राजगीर, रजौली, मढ़ौरा, महाराजगंज, हथुआ, चकिया, पकड़ी दयाल, महनार और सिमरी बख्तियारपुर शामिल हैं। इसके अलावा मंडल कारा जमुई, औरंगाबाद और भभुआ में नए उप-कारा भवन का निर्माण भी अंतिम चरण में है। पटना के पालीगंज में भी मंडल उपकारा बनाई जा रही है।

केस निबटारे को रखे गए 31 विधि परामर्शी

शराबबंदी से जुड़े कांडों के निष्पादन और दोषियों को जल्द सजा दिलाने के लिए मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग में हाल ही में 31 विधि परामर्शी की बहाली की गई है। आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने बताया कि इनका काम विभाग और न्यायालय के बीच समन्वय कर ट्रायल जल्दी पूरा कर दोषियों को सजा दिलाना होगा।

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