बिहार के सभी 149 सरकारी आइटीआइ को एनसीवीटी की मान्यता, केंद्र सरकार ने माना बिहार सरकार का अनुराेध
राज्य के सभी 149 सरकारी आइटीआइ को एनसीवीटी से मान्यता दिलाये जाने हेतु केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया था जिसकी स्वीकृती मिली गई है। अब सभी सरकारी आइटीआइ को आधुनिक बनाने एवं सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने पर 30 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसका प्रावधान बजट में किया गया है।
पटना, राज्य ब्यूरो। नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग (एनसीवीटी) ने प्रदेश के सभी 149 सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआइ) को संबद्ध कर लिया है। श्रम संसाधन मंत्री जिवेश कुमार ने शुक्रवार को बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 तक राज्य के मात्र 45 सरकारी आइटीआइ को ही एनसीवीटी से संबद्धता प्राप्त थी जिसके तहत राज्य के कुल 26904 विद्यार्थियों में से कुल 12 हजार विद्यार्थी ही एनसीवीटी से संबद्ध संस्थाओं (सरकारी आइटीआइ) से प्रशिक्षण के बाद प्रमाण पत्र प्राप्त करते थे। शेष 14904 को एनसीवीटी से प्रमाण पत्र दिया जाता था। इसके मद्देनजर राज्य के सभी 149 सरकारी आइटीआइ को एनसीवीटी से मान्यता दिलाये जाने हेतु केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया था जिसकी स्वीकृती मिली गई है।
सभी आइटीआइ को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने पर खर्च होंगे 30 करोड़
मंत्री जिवेश कुमार ने बताया कि सभी सरकारी आइटीआइ को आधुनिक बनाने एवं सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने पर 30 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसका प्रावधान बजट में किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य के सभी आइटीआइ को एनसीवीटी से मान्यता मिलने के साथ ही प्रदेश के छात्रों का प्रदेश एवं देश-विदेश में एक अलग पहचान बनेगा, साथ ही राष्ट्रीय स्तर का प्रमाणीकरण उन्हेंं मानसिक रूप से भी सुदृढ़ बनाएगा।
बदले जा रहे व्यवसायिक कोर्स
मंत्री जिवेश कुमार ने बताया कि आइटीआइ में विशेषज्ञों की मदद से व्यावसायिक कोर्स अपग्रेड किए जा रहे हैं और जो कोर्स प्रासंगिक नहीं होंगे उन्हें हटाकर नये कोर्स शामिल किए जाएंगे। इसकी सूची विभाग द्वारा जल्द जारी की जाएगी। कंप्यूटर, इलेक्ट्रीशियन, फीटर, इलेक्ट्रानिक मेकेनिक, डीजल मेकेनिक, वेल्डर जैसे कोर्स सभी आइटीआइ में लागू होंगे।
केंद्र की स्कीम में नौ जिले शामिल
मंत्री के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा लागू स्किल डेवलपमेंट स्कीम में राज्य के 9 जिले शामिल किए गए हैं, जिसमें जमुई, गया, औरंगाबाद, जहानाबाद, अरवल, रोहतास, बांका, मुजफ्फरपुर एवं नवादा शामिल किए गए हैं। इन जिलों में एक-एक आइटीआइ की स्थापना की जा चुकी है और केंद्र सरकार से 9 करोड़ रुपये जल्द मिलेंगे। इनमें से 5 आइटीआइ का भवन तैयार हो या है। इनकी संबद्धता भी एनसीवीटी से मिल गई है।